कीमत गिरते ही बाजार से सोना गायब

* सर्राफा बाजार में नहीं दिख रही गहमा-गहमी, कैसे बनेंगे शादी के जेवर।। परवेज आलम ।। अररिया : भाव गिरने की खबर सुन कर सोना खरीदने की योजना बनाने वालों के लिए एक बुरी खबर है. भाव गिर कर भले ही प्रति 10 ग्राम 27 हजार के करीब पहुंच गया हो, मगर आभूषण विक्रेताओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:30 PM

* सर्राफा बाजार में नहीं दिख रही गहमा-गहमी, कैसे बनेंगे शादी के जेवर
।। परवेज आलम ।।
अररिया : भाव गिरने की खबर सुन कर सोना खरीदने की योजना बनाने वालों के लिए एक बुरी खबर है. भाव गिर कर भले ही प्रति 10 ग्राम 27 हजार के करीब पहुंच गया हो, मगर आभूषण विक्रेताओं की मानें तो सर्राफा बाजार में एक ग्राम भी सोना उपलब्ध नहीं है., क्योंकि कोलकाता मंडी से ही सोना नहीं मिल रहा है. सोने की किल्लत का आलम यह है कि लगन के मौसम में भी अगर अब कोई जेवर खरीदना चाहे तो उसे अररिया सर्राफा बाजार से मायूसी ही मिलेगी.

सोने के भाव में हो रही लगातार गिरावट का फायदा निवेशकों को मिलने की उम्मीद नहीं है. क्योंकि भाव गिरने की खबर के साथ ही जिले के सर्राफा बाजार की स्थिति डांवाडोल हो गयी है. मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह से स्वर्ण विक्रेता सोना नहीं रहने की बात कह रहे हैं. उन्होंने जेवर बनाने का ऑर्डर लेना भी बंद कर दिया है.
सोना की किल्लत का असली कारण चाहे, जो भी हो लेकिन विक्रेताओं कहना है कि वे लोग कोलकाता मंडी से सोना खरीदते हैं.

फिलहाल कोलकाता की मंडी में ही सोना उपलब्ध नहीं है. एक स्वर्ण विक्रेता ने बताया वे मंगलवार को कोलकाता से खाली हाथ लौटे हैं. एक अन्य आभूषण विक्रेता ने कहा कि बने हुए जो कुछ जेवरात मार्केट में बचे हैं, केवल वही बिक रहे हैं. नया आर्डर नहीं लिया जा रहा है, क्योंकि सोना है ही नहीं.

बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोने की किल्लत का असर इस व्यवसाय में लगे सैकड़ों कारीगरों पर भी पड़ रहा है. बताया जाता है कि जिले में सोना-चांदी के कुल मिला कर लगभग 500 विक्रेता हैं. इनमें कमोबेश एक हजार कुशल कारीगर काम करते हैं.

अब वर्तमान स्थिति में उनकी कमाई भी प्रभावित हो रही है. इसकी पुष्टि करते हुए एक आभूषण विक्रेता ने बताया कि नया ऑर्डर नहीं लेने के कारण जेवर बनाने पर मिलने वाली मजदूरी कारीगरों को नहीं मिल रही है. वहीं विक्रेता इन कारीगरों को रोज की खुराकी देने को मजबूर हैं. लिहाजा मालिक व मजदूर दोनों घाटे में चल रहे हैं.

इस सिलसिले में एक दिलचस्प बात यह है कि सोने के भाव में हुई कमी का लाभ खरीदारों को नहीं मिल रहा है. बताया जाता है कि शादी-विवाह के लिए जो ऑर्डर दिये गये थे, वे उस समय के थे जब सोने का भाव आसमान छू रहा था. अब सोने की किल्लत के बावजूद पहले के बुक ऑर्डर के जेवरात तो विक्रेता दे रहे हैं. लेकिन रेट वही पुराना लगाया जा रहा है. अब भाव गिरने के बाद चाह कर भी जेवर नहीं खरीदा जा सकता है..

– एक नजर
* आभूषण विक्रेताओं के अनुसार बाजार में एक भी ग्राम सोना उपलब्ध नहीं है
* कोलकाता की मंडी में नहीं मिल रहा है सोना
* शादी का जेवर बनवाने में लोगों को हो रही परेशानी
* सोने की कीमत में कमी का खरीदारों को नहीं मिल रहा फायदा
* व्यवसाय में लगे सैकड़ों कारीगरों पर पड़ रहा है असर

Next Article

Exit mobile version