अररिया: फारबिसगंज अनुमंडल को जिला का दर्जा मिले. इसको लेकर फारबिसगंज जिला बनाओ आंदोलन समिति के सदस्य सक्रिय हैं. शनिवार को समिति के पद धारकों ने जिला परिषद अध्यक्ष को आवेदन दिया. इसमें जिला बनाने के औचित्य पर रोशनी डाली गयी. समिति के संयोजक शाहजहां शाद, सह संयोजक संजय कुमार, रमेश सिंह कहते हैं कि नेपाल सीमा से सटा फारबिसगंज एक महत्वपूर्ण शहर है.
व्यापारिक दृष्टिकोण से या फिर आवागमन, सामरिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी फारबिसगंज को जिला का दर्जा मिलना चाहिए. वहीं कार्यक्रम संयोजक प्रवीण कुमार, प्रवक्ता पवन मिश्रा, सदस्य राजेंद्र यादव ने कहा कि फारबिसगंज, नरपतगंज, भरगामा व सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड को मिला कर जिला बनाया जा सकता है.
छातापुर पहले अररिया लोकसभा क्षेत्र में आता था. फारबिसगंज से छातापुर की दूरी मात्र 38 किलोमीटर है. जबकि वर्तमान जिला मुख्यालय अररिया की दूरी 65 किलोमीटर है. इस दृष्टि से भी छातापुर को मिला कर फारबिसगंज को जिला बनाया जाना आवश्यक है. वहीं समिति के सदस्य किशोर कुमार दास, जाहिद हुसैन व आशिष पटेल कहते हैं कि उच्च शिक्षा व रेलवे की सुविधा भी यहां है. जन भावना के अनुरूप फारबिसगंज को जिला का दर्जा देना आवश्यक है. पद धारकों ने जिप अध्यक्ष को दिये आवेदन में कहा है कि जिला परिषद की बैठक में फारबिसगंज को जिला बनाने का प्रस्ताव लेकर व अनुशंसा जिला पदाधिकारी को प्रेषित करें.