कोई बचा ले मेरी अम्मी को

फोटो:23- अपनी मां के पास खड़ा साबिर प्रतिनिधि, अररियासदर अस्पताल के बेड पर अपने जीवन की जंग लड़ रही जाहिदा के 19 वर्षीय पुत्र मो साबिर को यह तो पता नहीं की उनकी मां को हुआ क्या है. लेकिन वह यह बखूबी जानता है कि उनकी मां की जान खतरे में है. साबिर अपने परिवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2015 9:03 PM

फोटो:23- अपनी मां के पास खड़ा साबिर प्रतिनिधि, अररियासदर अस्पताल के बेड पर अपने जीवन की जंग लड़ रही जाहिदा के 19 वर्षीय पुत्र मो साबिर को यह तो पता नहीं की उनकी मां को हुआ क्या है. लेकिन वह यह बखूबी जानता है कि उनकी मां की जान खतरे में है. साबिर अपने परिवार के गुजर बसर के लिए बाहर रह कर पैसे कमाता है. मां की बीमारी की खबर पर वह मंगलवार को ही सदर अस्पताल पहुंचा है. मां की हालत पूछते ही वह फफक कर रोने लगता है. अपनी अम्मी को बचाने की फरियाद अल्लाह से करता है. उसकी चीख सदर अस्पताल के ओटी वार्ड में गूंजने लगती है.

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