नहीं दी गयी बापू को श्रद्धांजलि
प्रतिनिधि, जोगबनीभारत-नेपाल सीमा के गांधी चौक पर स्थित बापू की प्रतिमा जहां बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर बापू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर गणतंत्र दिवस का महापर्व मनाया गया था. वहीं उनकी पुण्य तिथि के मौके पर शुक्रवार को न तो उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी न ही […]
प्रतिनिधि, जोगबनीभारत-नेपाल सीमा के गांधी चौक पर स्थित बापू की प्रतिमा जहां बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर बापू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर गणतंत्र दिवस का महापर्व मनाया गया था. वहीं उनकी पुण्य तिथि के मौके पर शुक्रवार को न तो उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी न ही किसी संगठन अथवा पार्टी की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. जबकि हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दल अपनी शुरुआत बापू की प्रतिमा पर कसमें खा कर करते हैं. लोग बाग को आकर्षित करने के लिए बापू का नाम लेते अघाते नहीं है. छोटे भैया का जन्मदिन या पुण्यतिथि मनाने के लिए सक्रिय देखे जाते हैं, परंतु बापू की व्यक्तित्व जो न केवल विशाल भारत के अपितु विश्व की प्रेरणा श्रोत है, उसे आज की पीढ़ी बापू को भुला रही है. जोगबनी का गांधी चौक जहां भारत सरकार का कस्टम चेक पोस्ट बिहार सरकार का इमाइग्रेशन चेक पोस्ट है. वहीं मित्र राष्ट्र नेपाल को मुखातिब भी है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में रेल यात्री गांधी जी को नमन कर अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं. हर राजनैतिक व सामाजिक कार्यक्रम की शुरुआत लोग यही से करते हैं. नगर पंचायत के सभी पदाधिकारी व प्रतिनिधि इसी के ईद गिर्द मंडराते रहते हैं, परंतु 30 जनवरी को उनके पुण्यतिथि पर एक पुष्पमाला व दो अगरबत्ती के बिना बापू की प्रतिमा वीरान लग रही थी जो खेद की बात है.