गरीबों के चहेते थे कमलेश्वरी मुखिया
हत्या के बाद कई घरों में नहीं जले चूल्हेप्रतिनिधि, नरपतगंजप्रखंड क्षेत्र के पलासी निवासी पूर्व मुखिया कमलेश्वरी यादव गरीबों के मसीहा कहे जाते थे. हजारों गरीबों के दिल में बसे थे. उनकी हर आवाज पर साथ चलने को तैयार रहते थे. यही कारण है कि शनिवार शाम उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरे पलासी […]
हत्या के बाद कई घरों में नहीं जले चूल्हेप्रतिनिधि, नरपतगंजप्रखंड क्षेत्र के पलासी निवासी पूर्व मुखिया कमलेश्वरी यादव गरीबों के मसीहा कहे जाते थे. हजारों गरीबों के दिल में बसे थे. उनकी हर आवाज पर साथ चलने को तैयार रहते थे. यही कारण है कि शनिवार शाम उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरे पलासी पंचायत के गरीबों के घर मातमी सन्नाटा पसर गया. किसी घर में चूल्हा नहीं जला. पलासी पंचायत की जनता के अनुरोध पर वे 2001 में मुखिया पद के उम्मीदवार बने, तो जनता ने उन्हें मुखिया पद सौंपा, हालांकि दूसरे टर्म में यह सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो जाने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाये. 2011 में ग्रामीणों की कोशिश पर पत्नी विभा रानी को पंचायत समिति पद से चुनाव लड़ाया, और वह पंसस बन गयी. धीरे-धीरे राजनीतिक में पकड़ बनती जा रही थी. घटना के दिन भी वे सामाजिक काम करते हुए पलासी उत्तर टोला के अनुरोध साह के यहां मुंडन का भोज खाने गये थे. भोज में विलंब रहने के कारण चाय पी कर ही मोटरसाइकिल से घर के लिए निकल गये, पर उन्हें क्या पता था कि नहर के समीप मौत उनका इंतजार कर रही है.