भजनपुर गोलीकांड: रास्ता विवाद में चली थी गोली

फारबिसगंज: रामपुर उत्तर पंचायत के भजनपुर गांव से सटे लगभग 35 एकड़ वियाडा अधिगृहीत भूमि पर बनने वाले मेसर्स ओरो सुंदरम ग्लूकोज फैक्टरी के बीच से गुजरने वाले रास्ते को घेरने के सवाल पर तीन जून 2011 को फैक्टरी परिसर में न केवल आगजनी हुई थी, बल्कि पुलिस की गोली से चार लोगों की मौत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 10:20 AM
फारबिसगंज: रामपुर उत्तर पंचायत के भजनपुर गांव से सटे लगभग 35 एकड़ वियाडा अधिगृहीत भूमि पर बनने वाले मेसर्स ओरो सुंदरम ग्लूकोज फैक्टरी के बीच से गुजरने वाले रास्ते को घेरने के सवाल पर तीन जून 2011 को फैक्टरी परिसर में न केवल आगजनी हुई थी, बल्कि पुलिस की गोली से चार लोगों की मौत हुई थी. घटना में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. भजनपुर के ग्रामीण उक्त सड़क को पुस्तैनी सड़क बता कर घेरने का विरोध कर रहे थे.

तीन जून ऐसा काला दिन था जब सारा फैक्टरी परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. अररिया की तत्कालीन एसपी गरिमा मल्लिक, एसडीओ जीडी सिंह, तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित दंडाधिकारी सुनील गुप्ता भी भीड़ में फंस गये थे. घटना में चार लोगों मुस्तफा पिता फटकन, मुख्तार पिता फारूख, नौशाद पिता सदीक, साजमीन खातून पति मो फारुख अंसारी की मौत हो गयी थी. नौ लोग जिवछी खातून, रईस अंसारी, सलामत अंसारी, मुजाहिद अंसारी, जुबैर अंसारी, अबादुल अंसारी, तालमुन खातून, मंजूर घायल हो गये थे.

घटना के बाद गृह सचिव, आइजी सहित कई बड़े पदाधिकारी, विभिन्न राजनैतिक, गैर राजनैतिक दलों के राष्ट्रीय, राज्य स्तर के प्रतिनिधि, अल्पसंख्यक आयोग, मानवाधिकार आयोग, न्यायिक जांच आयोग के पदाधिकारियों का भजनपुर गांव में तांता लगा रहा. चार वर्ष में न जाने कितने मोड़ आये. इसके बाद सोमवार को मामले में समझौता हो सका. समझौते के बाद न केवल अधिकारी, बल्कि ग्रामीण भी संतुष्ट नजर आ रहे थे.

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