गरीबों को मिले सरकारी जमीन

माले–खेमस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, कहा अररिया : बास भूमि का परचा, सीलिंग से फाजिल व अन्य सरकारी जमीनों के वितरण की मांग व महादलितों पर हो रहे कथित अत्याचार के विरोध में सोमवार को भाकपा माले व खेमस के बैनर तले सैकड़ों महिला–पुरुषों ने सामारणालय परिसर में प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2013 2:33 AM

मालेखेमस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, कहा

अररिया : बास भूमि का परचा, सीलिंग से फाजिल अन्य सरकारी जमीनों के वितरण की मांग महादलितों पर हो रहे कथित अत्याचार के विरोध में सोमवार को भाकपा माले खेमस के बैनर तले सैकड़ों महिलापुरुषों ने सामारणालय परिसर में प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सामंती शक्तियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया.

खेमस के जिला सचिव सत्यनारायण सिंह यादव की अध्यक्षता में मौके पर आयोजित सभा के दौरान माले खेमस नेताओं ने राज्य के नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि सरकारी भूदान की जमीनों पर सामंतियों का कब्जा है.

राज्य में महादलितों पर हो रहे अत्याचार में सामंती शक्तियों का हाथ है. और राज्य सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है.

इस अवसर पर भाकपा माले के राज्य कमेटी के सदस्य कामरेड नवल किशोर ने सीएम से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि 15 अगस्त को सामंतियों ने साजिश रच कर रोहतास जिले के बड़ी गांव के रविदास टोला में हमला कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी. इस दौरान दर्जनों लोग घायल हुए़ औरतों के साथ बदसलूकी का प्रयास हुआ़ अगर सरकार बथानी टोला मियांपुर जनसंहार के दोषियों को सजा दिलाती, तो रोहतास की घटना नहीं होती. उन्होंने बड़ी गांव थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर 302 के तहत मुकदमा चलाने की मांग भी की.

कामरेड नवल अन्य नेताओं ने कहा कि भूदान, सीलिंग से अधिक गैर मजरूआ हजारों एकड़ जमीन पर जिले में बड़े सामंतों का कब्जा है. अगर प्रशासन ये जमीन गरीबों में नहीं वितरित करेगी, तो माले झंडा गाड़ कर जमीन पर कब्जा कर लेगी. कामरेडों ने जहां भजनपुर गोलीकांड के पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग दोहरायी, वहीं बियाडा द्वारा अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बाजार रेट पर किसानों को देने की मांग भी रखी.

सभा के दौरान कामरेड भजन ऋषि, संजय ऋषि, कुणाल, अशोक श्रीवास्तव, सरयुग ऋषि, रामविलास यादव, गेना लाल महतो, अंजर भजनपुरी, सुशील विश्वास, मेधु ऋषि कैलाष ऋषि आदि ने भी अपने विचार रख़े.

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