विकास में सहयोग की जतायी प्रतिबद्धता
विराटनगर में आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय उरांव सम्मेलनप्रतिनिधि, जोगबनी विश्व भर के उरांव जनजातियों की भाषा, साहित्य, संस्कार, संस्कृति के संरक्षण तथा विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय उरांव सम्मेलन का आयोजन विराटनगर स्थित अतिथि सदन में किया गया. नेपाल उरांव जनजाति प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में भारत व बांग्लादेश से करीब 350 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. […]
विराटनगर में आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय उरांव सम्मेलनप्रतिनिधि, जोगबनी विश्व भर के उरांव जनजातियों की भाषा, साहित्य, संस्कार, संस्कृति के संरक्षण तथा विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय उरांव सम्मेलन का आयोजन विराटनगर स्थित अतिथि सदन में किया गया. नेपाल उरांव जनजाति प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में भारत व बांग्लादेश से करीब 350 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में उरांव जनजातियों की भाषा, साहित्य, संस्कार व संस्कृति के बारे में चर्चा की गयी. ज्ञात हो कि 2011 में हुई जनगणना के अनुसार नेपाल में उरांव जनजातियों की जनसंख्या लगभग 37 हजार है. वहीं भारत में उरांव जनजातियों की जनसंख्या 60 लाख के आसपास है. सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व उप प्रधान तथा गृहमंत्री विजय कुमार गच्छदार ने किया. इस दौरान सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामना दी. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल के बनने वाले नये संविधान में सभी जनजाति, भाषा व संस्कृति को एक समान सम्मान तथा अधिकार दिया जायेगा. नेपाल उरांव जनजाति प्रतिष्ठान के सदस्यों ने बताया कि नेपाल में पहली बार आयोजित इस सम्मेलन के समापन में विदेश से आये सभी मेहमानों को सुनसरी जिला तथा मोरंग जिला के पर्यटक क्षेत्र का भ्रमण कराया जायेगा. कार्यक्रम में आये सांसद अमृत आर्याल, रेवती रमण भंडारी, सीताराम मेहता, पूर्व सांसद शिव नारायण उरांव ने उरांव जनजातियों की भाषा साहित्य, संस्कृति के विकास में सहयोग करने की प्रतिबद्धता जाहिर की.