फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षक हो जायं सवाधान
नौकरी तो जायेगी ही, जाना पड़ेगा जेल भीलिया गया मानदेय भी होगा लौटनाउच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग सख्तप्रतिनिधि, अररिया प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का निर्देश शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने डीएम, डीइओ, नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तथा डीपीओ स्थापना को दिया है. शिक्षा […]
नौकरी तो जायेगी ही, जाना पड़ेगा जेल भीलिया गया मानदेय भी होगा लौटनाउच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग सख्तप्रतिनिधि, अररिया प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का निर्देश शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने डीएम, डीइओ, नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तथा डीपीओ स्थापना को दिया है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी पत्र संख्या 540 दिनांक 19 मई के आलोक में सभी नियोजन इकाइयों के सदस्य सचिव को वर्ष 2006 से अब तक नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच करा कर गलत पाये जाने की स्थिति में नियमानुसार सेवा मुक्त कराते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई व पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट में राशि की वसूली के लिए आवश्यक निर्देश निर्गत किया गया है. इस आदेश के साथ डीपीओ(स्थापना) को जिला स्तर पर प्रमाण पत्रों के सत्यापन, फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त करने, उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने व पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट में राशि वसूली कार्य संबंधी कार्रवाई का अनुश्रवण करने के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. तथा इनके सहयोग के लिए कार्यक्रम पदाधिकारी को सहायक नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. नोडल पदाधिकारी को प्रगति प्रतिवेदन प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को निदेशक प्राथमिक शिक्षा तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा को इमेल से भेजने का भी निर्देश दिया गया है. डीपीओ स्थापना मनोज कुमार ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले जेल के सलाखों के पीछे तो होंगे ही सरकार उनसे राशि भी वसूलेगी.