तटबंध, पुल-पुलिये व सड़क होंगे दुरुस्त

अररिया: तमाम तरह की दिक्कतों के बावजूद जिले में मनरेगा को रोजगार सृजन के प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की प्रशासनिक कवायद की जा रही है. बहुत हद तक इसका परिणाम भी सामने आने लगा है. चालू वित्तीय वर्ष में मध्य मई से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक योजनाएं चालू कर लगभग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2015 8:36 AM
अररिया: तमाम तरह की दिक्कतों के बावजूद जिले में मनरेगा को रोजगार सृजन के प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की प्रशासनिक कवायद की जा रही है. बहुत हद तक इसका परिणाम भी सामने आने लगा है. चालू वित्तीय वर्ष में मध्य मई से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक योजनाएं चालू कर लगभग 50 हजार मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है. जून माह के अंत तक लगभग 10 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
डीडीसी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजनाओं पर मध्य मई से काम शुरू हो पाया है. फिलहाल 149 योजनाओं को चालू कर जाब कार्ड धारकों को काम मुहैया कराया गया है. बताया जाता है कि संचालित योजनाओं में से अधिकांश का चयन बाढ़ सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया गया है. इनमें क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मती के अलावा ग्रामीण पुल-पुलिया व जजर्र सड़कों की मरम्मती आदि शामिल हैं.
जिला मनरेगा सेल द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में संचालित योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है. आलम ये है कि महज कुछ दिनों में लगभग 50 हजार मानव दिवस का सृजन मनरेगा योजनाओं के जरिये किया जा चुका है. वहीं बताया गया कि बाढ़ सुरक्षा से संबंधित सभी योजनाओं को हर हाल में जून माह में पूरा करवाने का निर्देश प्रखंडों के मनरेगा पीओ को दिया गया है. बताया गया कि अगर संचालित योजनाएं पूरी हो जाती हैं तो लगभग 10 लाख मानव दिवस का सृजन मुमकिन है.
दूसरी तरफ दी गयी जानकारी के मुताबिक जिले में मनरेगा जॉब कार्ड धारकों की कुल संख्या तीन लाख 90 हजार 320 है. इनमें से अनुसूचित जाति के 72 हजार 68 व अनुसूचित जनजाति के छह हजार 183 जाब कार्ड धारक हैं.
कहते हैं डीडीसी
डीडीसी अरशद अजीज ने बताया कि फिलहाल मनरेगा में उन योजनाओं का चयन किया गया है, जिनके पूरा होने पर बाढ़ से सुरक्षा हो सकेगी. लगभग डेढ़ सौ योजनाएं चालू की गयी है. जून माह में ही काम पूरा करवाने का निर्देश दिया गया है. उम्मीद है कि इन योजनाओं के जरिये दस लाख मानव दिवस का सृजन हो पायेगा. उन्होंने बताया कि पीआरएस की हड़ताल के बावजूद काम प्रगति पर है. इंदिरा आवास योजना के ग्रामीण आवास सहायकों से पीआरएस का काम लेने का निर्देश दिया गया है.

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