25 मई को ही अरविंद को किया गया था रेफर

अररिया. विचाराधीन कैदी को सदर अस्पताल में हथकड़ी लगा कर रखना तो अलग बात है. लेकिन व्यवस्था का आलम कुछ और बयां करता है. 15 मई को कैदी अरविंद कुमार मंडल को इलाज के लिए जेल प्रशासन ने सदर अस्पताल भेजा. 25 मई को सदर अस्पताल के चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2015 8:55 AM
अररिया. विचाराधीन कैदी को सदर अस्पताल में हथकड़ी लगा कर रखना तो अलग बात है. लेकिन व्यवस्था का आलम कुछ और बयां करता है. 15 मई को कैदी अरविंद कुमार मंडल को इलाज के लिए जेल प्रशासन ने सदर अस्पताल भेजा. 25 मई को सदर अस्पताल के चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर किया और इसकी सूचना जेल प्रशासन को दी. इसके बाद जेल प्रशासन ने सुरक्षा के लिए जवान उपलब्ध कराने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा.

लगभग एक सप्ताह बाद सात जून को अरविंद को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया. मामले में सवाल उठता है कि आखिर चिकित्सकों द्वारा रेफर करने के इतने दिनों बाद उसे भागलपुर क्यों भेजा गया. एक बीमार विचाराधीन कैदी के प्रति ऐसी उदासीनता से उसकी जान भी जा सकती थी.

बोले कारा अधाक्षक: कारा अधीक्षक राजीव कुमार झा का कहना है कि मेडिकल बोर्ड के निर्देश व रेफर करने पर पुलिस अधीक्षक को पुलिस जवान उपलब्ध कराने का अनुरोध पत्र भेजा. पुलिस जवान उपलब्ध होते ही अरविंद को भागलपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है.

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