अररिया: सुशासन के लिए नीतीश कुमार पुलिस पदाधिकारियों का पाठशाला लगा रहा हैं और सत्ता प्राप्ति के लिए आतंकराज वालों के साथ कार्यशाला कर रहे हैं. बिहार की कानून व्यवस्था खराब हो गयी है. अपराध का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में बढ़ते हुए अपराध को रोकने के लिए और अपने दागदार हो रहे चेहरे को ठीक करने के लिए नीतीश कुमार पुलिस पदाधिकारियों की पाठशाला लगा रहे हैं. जनता इनकी सच्चई को देख रही है.
उक्त बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने अररिया में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही.उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी सत्ता बचाने के लिए और चुनाव में जीतने के लिए जंगलराज व आतंकराज वालों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं व गंठबंधन कर रहे हैं.
बिहारवासी इस सच्चई और नीतीश कुमार के नाटक को भी देख रहे हैं. उन्होंने अपनी सत्ता बचाने के लिए ऐसी पार्टियों के साथ गंठबंधन किया है, जिसके खिलाफ उन्होंने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था. गंठबंधन वाली पार्टियों में एक जंगलराज व दूसरा भ्रष्टाचार की प्रतीक है. एक तरफ वे पुलिस पदाधिकारियों से अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर अपराधियों को प्रश्रय देने वाली पार्टी के साथ बैठक कर चुनाव जीतने के लिए रणनीति बना रहे हैं. ये सब नीतीश कुमार का ड्रामा है. बिहार की जनता सब समझ रही है. बिहार की जनता अब दोबारा बिहार में जंगलराज नहीं देखना चाह रही है, न ही ऐसी सरकार बनना चाहती है जिस पर राजद व कांग्रेस की छाया पड़ती हो.
बिहार की जनता बिहार में विकास वाली सरकार बनायेगी, जो कानून का राज स्थापित करे, रोजगार सृजन कर युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाये. केंद्र की एनडीए सरकार ने बिहार की चिंता की है और नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केवल एक वर्ष में एक लाख करोड़ से अधिक की योजनाएं दी है. राशि उपलब्ध करायी गयी है. बिहार के विकास के लिए अलग से योजनाएं बनायी गयी है. कें द्र सरकार ने बिहार के विकास के लिए एक मॉडल तैयार किया है. नये विकास के मॉडल के साथ बिहार विकास की ओर बढ़ेगा. इसके लिए भाजपा के कार्यकर्ता विधानसभा स्तर पर सम्मेलन कर लोगों को सात साल बनाम तीन साल में राज्य के विकास का लेखा-जोखा बतायेंगे. सात साल में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सत्ता में रह कर विकास की गति को कैसे आगे बढ़ाया था और पिछले तीन साल में भाजपा से अलग होने के बाद उन्होंने बिहार में क्या परिवर्तन किया. एक सवाल के जवाब में मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार जो बढ़ चला बिहार कार्यक्रम चला रही है. वह जनता के साथ छलावा है. बिहार सरकार के खजाने का दुरुपयोग है.
जीतन राम मांझी के एनडीए के साथ आने के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार व लालू प्रसाद ने मिल कर उन्हें सीएम की कुरसी से हटाया, जो एक महादलित का अपमान है. महादलित परिवार के लोग भी आगामी चुनाव में इसका बदला लेंगे. पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बब्बन, पूर्व सांसद प्रदीप कुमार सिंह, विधायक देवयंती देवी, परमानंद ऋषिदेव, अंत्योदय प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नारायण झा, पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, मंजर खान, राकेश विश्वास, राकेश विश्वास, लोजपा नेता मो खालिद आदि उपस्थित थे.