हाट में अतिक्रमणकारियों का है कब्जा
अररिया: जिला मुख्यालय में लगने वाले बसंतपुर हाट में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. इससे यहां खरीदारी करने आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि बंदोबस्ती के नाम पर बसंतपुर हाट से प्रति वर्ष लाखों रुपये का राजस्व नगर परिषद को प्राप्त होता है, लेकिन नप इस हाट में शौचालय, पेयजल, […]
अररिया: जिला मुख्यालय में लगने वाले बसंतपुर हाट में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. इससे यहां खरीदारी करने आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि बंदोबस्ती के नाम पर बसंतपुर हाट से प्रति वर्ष लाखों रुपये का राजस्व नगर परिषद को प्राप्त होता है, लेकिन नप इस हाट में शौचालय, पेयजल, नाला जैसी सुविधा भी उपलब्ध नहीं करा पाया है. बारिश होने पर तो हाट में जलजमाव की समस्या अधिक भयानक हो जाती है.
बारिश का पानी दुकानों में घुस आता है. हाट स्थल का अतिक्रमण भी यहां अव्यवस्था का एक बड़ा कारण साबित हो रहा है. सब्जी बेचने वाले दुकानदारों को हाट में जगह नहीं मिलती है, जिसके कारण वे सड़क के किनारे ही अपनी दुकान लगाते हैं. इससे हटिया रोड में जाम की समस्या बनी रहती है. शहरवासियों को सब्जी हाट के नाम पर सड़क पर लगे अस्थायी दुकानों से सब्जी की खरीद करनी पड़ रही है. बुजुर्गों की मानें तो लगभग 20 से 25 वर्ष पूर्व बसंतपुर हाट में सब्जियों की दुकानें सजती थी, लेकिन धीरे- धीरे गल्ला व्यवसायियों व अन्य दुकानदारों के द्वारा हाट का अतिक्रमण किया जाने लगा. आज स्थिति यह है कि बसंतपुर हाट पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है.
नगर परिषद से होती है हाट की बंदोबस्त: पांच वर्ष पूर्व बसंतपुर हाट की बंदोबस्ती िजप के अधीन थी. अपना क्षेत्राधिकार साबित करने के बाद हाट की बंदोबस्ती का जिम्मा नगर परिषद के पास आ गया. बसंतपुर हाट की बंदोबस्ती 2015-16 के लिए दो लाख 90 हजार एक सौ रुपये में नगर परिषद के द्वारा की गयी है.
शौचालय व पेयजल की व्यवस्था नहीं: शहर के वार्ड संख्या 23 में स्थित बसंतपुर हाट के दुकानदार व ग्राहकों को अगर शौच जाने की आवश्यकता महसूस होती है, तो वह बड़ा कठिन सवाल होता है कि वह कहां जाये, क्योंकि शहर के मध्य में स्थित इस हाट में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. शौच करने के लिए पुरुष हो या महिला, दुकानदार हो या खरीदार सबों को लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. पूरे हाट परिसर में एक भी चापाकल नहीं है.
हरियाली मार्केट का निर्माण अधर में: बसंतपुर हाट के अव्यवस्थित होने व चांदनी चौक से हटिया तक लगने वाली सब्जी दुकानों के कारण होने वाले जाम से निजात के लिए हटिया से पूरब हरियाली मार्केट बनाने की योजना थी. इसके लिए लाखों रुपये खर्च कर मिट्टी भराई का भी काम हुआ. साथ ही लगभग पांच वर्ष पूर्व कुछ दुकानदारों को वहां स्थानांतरित भी किया गया, लेकिन यह योजना मूर्त रूप नहीं ले पायी.कहते हैं संवेदक: हाट की बंदोबस्त लेने वाले प्रदीप कुमार भगत ने बताया कि बसंतपुर हाट में सब्जी व्यवसायी से लाभ नहीं के बराबर होता है. हाट के अंदर रहने वाले दुकानदारों के द्वारा प्रति दिन राशि दी जाती है, लेकिन हाट में पेयजल, शौचालय की कमी एक बड़ी समस्या है.