अररिया : डीडीसी अरशद अजीज ने 17 जून 14 को सौरगांव पंचायत में 2006 से 2014 तक संचालित विभिन्न योजनाओं की जांच की थी.
डीडीसी ने पंचायत के बीआरजीएफ, चतुर्थ वित्त, चतुर्थ वित्त उच्च प्राथमिकता व 12वीं वित्त की योजनाओं की संचिकाओं की जांच की थी. इसके बाद अनियमितता बरतने का मामला सामने आया था.
इन योजनाओं के अभिलेख में 140 चापाकल मद में अग्रिम राशि सात लाख 29 हजार आठ सौ रुपये निकासी की गयी थी. इस राशि के खर्च करने की बात भी अभिलेख में दर्ज थी. वहीं 65 सोलर लाइट लगाने के मद में 27 लाख 22 हजार चार सौ 65 रुपये का खर्च अभिलेख में दिखाया गया था.
17 जून 2014 को डीडीसी ने अभिलेख में वर्णित स्थल पर भौतिक जांच के क्रम में पाया कि अभिलेख में वर्णित स्थल पर न तो सोलर लाइट लगाया गया है और न ही कहीं चापाकल लगा मिला. अभिलेख व स्थल जांच में कहीं भी समानता नहीं पायी गयी.
डीडीसी ने अपने पत्रांक 86 दिनांक 20 जून 2014 के द्वारा तत्कालीन जिला पदाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह को जांच प्रतिवेदन समर्पित किया. डीएम ने डीडीसी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर 24 जून 2014 को तत्कालीन बीडीओ मो माहीउद्दीन को दोषी लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.
डीएम के आदेश पर बीडीओ ने कुर्साकांटा थाना में मुखिया मनोज सिंह, अभिकर्ता अभिषेक कुमार, विश्व ज्योति इंटरप्राइजेज के मालिक व अन्य को नामजद बनाते हुए कांड संख्या 92/14 में दर्ज कराया. कहते हैं मुखिया: इधर गिरफ्तार मुखिया मनोज सिंह ने कहा कि वे निर्दोष हैं. उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है.