पौने चार लाख रुपये की हेराफेरी
पंचायत राजीव गांधी सेवा केंद्र भवन निर्माण के मामले में एमबी से ज्यादा की राशि की निकासी हुई थी. इस भवन के िनर्माण के िलए तत्कालीन पीओ ने राशि की निकासी की थी. अररिया : डीडीसी के निर्देश का अनुपालन हुआ लेकिन लगभग डेढ़ वर्ष बाद. मनरेगा भवन निर्माण की निकासी की गयी तीन लाख […]
पंचायत राजीव गांधी सेवा केंद्र भवन निर्माण के मामले में एमबी से ज्यादा की राशि की निकासी हुई थी. इस भवन के िनर्माण के िलए तत्कालीन पीओ ने राशि की निकासी की थी.
अररिया : डीडीसी के निर्देश का अनुपालन हुआ लेकिन लगभग डेढ़ वर्ष बाद. मनरेगा भवन निर्माण की निकासी की गयी तीन लाख 75 हजार रुपये डेढ़ वर्ष तक तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी की जेब में पड़ा रहा.
राशि उनके पास क्यों पड़ी रही, उसके विरुद्ध कार्रवाई में लंबा इंतजार क्यों किया गया? आखिर बिना भवन निर्माण का अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये उनका स्थानांतरण अररिया से भरगामा प्रखंड के लिए किस परिस्थिति में किया गया? यह एक बड़ा सवाल पीछे छूट गया है.
कैसे खुला मामला
31 अगस्त 2015 को उप विकास आयुक्त अरशद अजीज के द्वारा बुलाया गये मनरेगा की समीक्षात्मक बैठक में यह मामला खुल कर सामने आया.
तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 में राजीव गांधी सेवा केंद्र के निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया. इस योजना के लिए 15 लाख 60 हजार रुपये की राशि की निकासी कर ली गयी. जबकि कार्य के अनुसार 11 लाख 87 हजार रुपये का एमबी बुक हुआ.
राशि उठाव के डेढ़ वर्ष के बाद भी जब भवन का निर्माण कार्य संपन्न नहीं हुआ और राशि का भी समायोजन नहीं किया गया तो डीडीसी ने अपने बैठक में वर्तमान कार्यक्रम पदाधिकारी तपेश कुमार को निर्देश दिया कि उनके द्वारा एक सितंबर 2015 तक मापी पुस्त को अद्यतन कराते हुए प्रतिवेदित करें.
15 दिनों के अंदर निर्माण कार्य को पूरा करें. साथ ही तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का भी निर्देश डीडीसी ने दिया.
क्या कहते हैं कार्यक्रम पदाधिकारी
कार्यक्रम पदाधिकारी अररिया तपेश कुमार गुप्ता ने बताया कि डीडीसी के निर्देश पर निर्माण कार्य को प्रारंभ किया गया है.
उन्होंने बताया कि तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी दिलीप कुमार के पास बचे हुए तीन लाख 75 हजार की राशि को कल्पना ट्रेडर्स के पास जमा कराया गया है. जहां से मेटेरियल की सप्लाई हो रही है.