नर्स हत्याकांड के आरोपी ने किया आत्मसर्पण
नर्स हत्याकांड के आरोपी ने किया आत्मसर्पण तत्कालीन एसपी शिवदीप लांडे ने मामला किया था री ओपेन पटना के दीघा की रहने वाली थी नर्स उषा सिमराहा में दर्ज हुआ था कांड संख्या 222/12 प्रतिनिधि, अररियाचर्चित नर्स उषा हत्याकांड का अारोपी पेशे से अधिवक्ता अमृत कांत झा उर्फ मोहन झा ने गुरुवार को न्यायालय में […]
नर्स हत्याकांड के आरोपी ने किया आत्मसर्पण तत्कालीन एसपी शिवदीप लांडे ने मामला किया था री ओपेन पटना के दीघा की रहने वाली थी नर्स उषा सिमराहा में दर्ज हुआ था कांड संख्या 222/12 प्रतिनिधि, अररियाचर्चित नर्स उषा हत्याकांड का अारोपी पेशे से अधिवक्ता अमृत कांत झा उर्फ मोहन झा ने गुरुवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. जानकारी अनुसार 2012 में नर्स उषा का शव सिमराहा थाना क्षेत्र के खवासपुर जाने वाली सड़क के किनारे मिला था. इस बाबत सिमराहा थाना में अज्ञात के विरुद्ध कांड संख्या 222/12 दर्ज किया गया था. तत्कालीन थानाध्यक्ष टीपी सिंह ने बिना उच्च पदाधिकारियों के निर्देश के घटना सत्य, लेकिन सूत्र-साक्ष्यहीन बता कर कांड का अनुसंधान बंद कर दिया था. इसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे ने कांड की समीक्षा के दौरान पाया कि बिना आदेश के मामले की जांच बंद कर दी गयी है. खोजबीन के बाद पता चला कि नर्स उषा पटना के दीघा की रहने वाली थी. फिर सूचना पर उसके परिजन आये. एसपी लांडे ने कांड को री ओपेन किया. जब अनुसंधान का दायरा बढ़ा तो इस मामले में अन्य के साथ अधिवक्ता मोहन झा का नाम भी सामने आया. बताया जाता है कि वर्तमान एसडीपीओ मो कासिम जो उस समय भी एसडीपीओ थे की मेहनत रंग लायी. मामले में संलिप्त कई अभियुक्त गिरफ्तार किये गये, जो अब भी जमानत पर बाहर हैं. अधिवक्ता मोहन झा जमानत के लिए उच्च न्यायालय तक गये. लेकिन राहत नहीं मिली. गुरुवार को उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. बहरहाल आरोपी के आत्मसमर्पण से लगभग तीन वर्षों बाद उषा नर्स हत्या कांड एक बार फिर चर्चा में आ गया है.