लालू-नीतीश का महागंबंधन नहीं लठबंधन है : चिराग

लालू-नीतीश का महागंबंधन नहीं लठबंधन है : चिराग फोटो 27 केएसएन 7जमुई सांसद चिराग पासवान व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन व गोपाल अग्रवाल.-किशनगंज से है मेरा दिली लगाव : शाहनवाज प्रतिनिधि, ठाकुरगंजनीतीश के दस वर्षों के शासनकाल में बिहार लगातार पिछड़ता गया है. परंतु बांटो और राज करो की नीति पर चलने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2015 8:17 PM

लालू-नीतीश का महागंबंधन नहीं लठबंधन है : चिराग फोटो 27 केएसएन 7जमुई सांसद चिराग पासवान व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन व गोपाल अग्रवाल.-किशनगंज से है मेरा दिली लगाव : शाहनवाज प्रतिनिधि, ठाकुरगंजनीतीश के दस वर्षों के शासनकाल में बिहार लगातार पिछड़ता गया है. परंतु बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले नीतीश कुमार को इससे कोई सरोकार नहीं. उक्त बातें लोजपा सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को कही. वे ठाकुरगंज में लोजपा प्रत्याशी गोपाल अग्रवाल के पक्ष में आयोजित एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. अपने संबोधन में जमुई सांसद चिराग पासवान ने राजद-जदयू गंठबंधन को लठबंधन की संज्ञा दी तथा लालू के 15 साल एवं नीतीश के 10 साल के राज को बिहार के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेवार बताया. लालू- नीतीश के राज में रोजगार, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बदहाली का जिक्र किया तथा कहा रोजगार के लिए युवकों का पलायन हो रहा है. हर घर को बिजली उपलब्ध करवाने का वादा विफल होने के बाद किस मुंह से नीतीश वोट मांग रहे है यह सवाल उठाया. अकलियतों को अब तक वोट बैंक समझने वाल राजद जदयू पर निशाना साधा. वहीं भाजपा के पूर्व सांसद सह राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने ठाकुरगंज से अपना दिल का रिश्ता बताते हुए इलाके के विकास के लिए गोपाल अग्रवाल को विजयी बनाने की अपील की. अपने सांसद काल के दौरान इलाके में विकास की लंबी लकीर खींचने का दावा करते हुए शाहनवाज ने लोगों को 24 घंटे के अंदर रेलवे आरक्षण केंद्र खुलवाने की याद दिलायी तथा लोगों से जात धर्म से उपर उठ कर मतदान की अपील की. नेता द्वय ने सभा के बाद लोजपा प्रत्याशी को विजयी माला भी पथरायी. इस दौरान प्रत्याशी गोपाल अग्रवाल के अलावा लोजपा जिलाध्यक्ष मजीकुर्रहमान, कलीमुद्दीन, शमशाद अहमद अंसारी, मंसूर आलम आदि ने संबोधित किया. मंच पर इमामुद्दीन, वीरेंद्र पासवान, मुजाहिद आलम, दिनानाथ पांडे, नाज प्रवीण, महेश्वर प्रसाद महेश, कन्हैया महतो आदि सक्रिय थे.

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