सोमवार को होगा खरना, मंगलवार को दिया जायेगा भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य
सोमवार को होगा खरना, मंगलवार को दिया जायेगा भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य लोक आस्था का महापर्व नहाय-खाय के साथ हुआ शुरू-चार दिवसीय इस पर्व मेंफोटो-1-गेहूं सुखाती महिलाएं फोटो:2- छठ घाट की सफाई करते लोग प्रतिनिधि, अररियालोक आस्था व सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ रविवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया. रविवार से […]
सोमवार को होगा खरना, मंगलवार को दिया जायेगा भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य लोक आस्था का महापर्व नहाय-खाय के साथ हुआ शुरू-चार दिवसीय इस पर्व मेंफोटो-1-गेहूं सुखाती महिलाएं फोटो:2- छठ घाट की सफाई करते लोग प्रतिनिधि, अररियालोक आस्था व सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ रविवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया. रविवार से प्रारंभ महापर्व का समापन बुधवार को होगा. सोमवार को छठ व्रती पकवान बना कर शुद्धता व पवित्रता के साथ खरना करेंगी. महापर्व को ले होने लगी घाटों की सफाई : जिले के पूर्वी भाग में बहने वाले अररिया के पनार नदी के घाट, रानीगंज के गितवास स्थित दुलारदेयी नदी, रानीगंज में कारी कोशी, जामुन घाट, बथनाहा में मीरगंज घाट, फारबिसगंज में सुल्तान पोखर, कुर्साकांटा में बकरा , बरजान , लोहंद्रा, पहाड़ा, पलासी में बकरा व रतवा, कनकई नदी के घाट सहित जिले से होकर गुजरने वाली सभी नदियों व नहर पर छठ घाट बनाये जाते हैं. इसके अलावा तालाबों की भी सफाई लोगों द्वारा की जाने लगी है. घाटों के बेहतर सजावट को लेकर लोग खास मेहनत कर रहे हैं. घाटों को सजाने व शुद्धता के उद्देश्य से लोग खास तौर पर केले के वृक्षों से अपने-अपने घाटों पर सजावट करने में लगे हुए हैं. सोमवार को होगा खरना :लोक आस्था के पर्व का नहाय खाय के साथ प्रारंभ होगा. पर्व के दूसरे दिन सोमवार को व्रती खरना मनायेगी. खरना को लेकर बखरी निवासी पंडित चंद्रानंद मिश्रा ने बताया कि चतुर्थी की तिथि शनिवार को 12 बजे से लेकर रविवार को 12.40 रात तक है. इस दिन व्रती के नहाय खाय का समय र्है. पंचमी अर्थात सोमवार को खरना होगा. इस दिन से व्रती निर्जला उपवास रखेंगे सूर्यास्त के बाद व्रती सूर्य की पूजा कर अपने देवता के भी पूजा करेंगी. शांत वातावरण में व्रती खीर का प्रसाद भगवान भास्कर को अर्पित करेंगी. व्रती दिन भर का निर्जला उपवास खीर का प्रसाद खा कर खोलंगे. पूजा के दिन सफाई का रखा जाता है विशेष ख्याल. मंगलवार को देंगे भगवान भास्कर को अर्घ्य खरना के प्रसाद के बाद से ही व्रती का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा. सायंकालीन अर्घ्य के दिन व्रती और घर की महिलाएं विशेष शुद्धता व पवित्रता के साथ खास कर ठेकुआ का प्रसाद बनायेंगी. यह भी ध्यान रखा जायेगा कि प्रसाद जूठे नहीं हो पायें. केला, नारियल, नारंगी, ईख , टाभा, सेब, सिंघाड़ा, आदि फलों के प्रसाद को एक सूप में लेकर व्रती के परिजन छठ घाटों तक जायेंगे. व्रती इस वक्त भी निर्जला उपवास में रहेंगी. व्रती पानी में खड़े हो कर शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी. मंगलवार को शाम 4 बज कर 45 मिनट से 5 बज कर 15 मिनट तक सायंकालीन अर्घ्य का समय रहेगा. बुधवार को पुन: अहले सुबह व्रती उदीयमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य देंगी. पंडित चंद्रानंद मिश्रा ने बताया कि इस दिन सूर्योदय 6 बज कर 20 मिनट पर होेगा. जबकि अर्घ्य देने का समय सुबह 6 बज कर 45 मिनट तक रहेगा. उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का समापन होगा. बज रही हैं छठ के गीतों की धुन छठ पर्व को लेकर जिला व प्रखंड क्षेत्र में भक्ति का माहौल बनने लगा है. गांव की गलियां हो या शहर का चौक चौराहा छठ पर्व के गीतों से गुंजायमान हो रहा है. शहर सहित गांवों में इन दिनों छठ के गीतों के धुन बज रहे हैं. पारंपरिक गीतों को फिल्मी गानों के तर्ज पर भी डब किया गया है. इसके अलावा शारदा सिन्हा, अमित कुमार व मनीष ओझा द्वारा गाये गये गीतों को डाउन लोड किया जा रहा है. इन गानों को पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड में कॉपी किये जा रहे हैं. कांच ही बांस के बंहगिया…, उगुना हो सूरूज देव, अरग के बेरि भइल आदि समधुर गाने लोगों को कर्ण प्रिय लग रहे हैं. चौक चौराहों के अलावा वाहनों में भी इन्हीं गीतों के धुन सुनाई दे रहे हैं.