अररिया : नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से बनी सरकार से अपनी अपेक्षाओं का जिक्र करते हुए पुरंदाहा गांव निवासी डॉ सरवर आलम ने कहा कि नीतीश कुमार को स्कूलों से लेकर कॉलेज तक में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ठोस उपाय करने होंगे. सरकारी स्कूलों में विद्यालय शिक्षा समिति के ढांचा को व्यावहारिक बनाने की जरूरत है,
ताकि पढ़े-लिखे लोगों को समिति में जगह मिल सके.
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है. इसे भी दूर करना चाहिए. दवा व्यवसायी सउद आलम का मानना है कि बेरोजगारी की समस्या दूर करने के लिए ठोस योजना बनाने की आवश्यकता है. शत-प्रतिशत गांव में विद्युत आपूर्ति के वादे को भी पूरा करना होगा.
शिक्षा व स्वास्थ्य में भी कमियों को दूर करना जरूरी है. अल शम्स मिल्लिया कॉलेज के अध्यक्ष डॉ निहाद आलम शम्स ने कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों की स्थापना रोजगार सृजन के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि पहले पांच सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तर्ज पर विकास किया था. उसे ही दोहराना होगा. सुशासन दिखना चाहिए.
अररिया कॉलेज अररिया के पूर्व प्राचार्य बासुकीनाथ शर्मा ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति काफी बदतर है. नीतीश के पूर्व के कार्यकाल में इस पर ज्यादा काम नहीं हो सका है. लोगों को उम्मीद है कि राज्य में उच्च शिक्षा के विकास में नीतीश सरकार कोई प्रभावी कदम उठायेगी.
विश्व विद्यालयों में शैक्षणिक कर्मियों की कमी को दूर कर अध्ययन व शोध के बेहतर माहौल तैयार करने की दिशा में ठोस पहल होने की उम्मीद है. साहित्यकार डॉ सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरह बिहार के लोगों ने नीतीश पर अपना भरोसा जताया है.
उनकी जिम्मेदारियां भी काफी बढ़ गयी है. राज्य के शिक्षण व्यवस्था में सुधार व यहां के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध हों ऐसी उम्मीद लोग नीतीश कुमार से कर रहे हैं. नयी सरकार से अपनी उम्मीदों के बारे में बताते हुए युवा व्यवसायी संजीव सुमन ने कहा कि विकासात्मक गतिविधियों में तेजी लायी जानी चाहिए.
दूर दराज के गांवों को भी विकास से जोड़ कर सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए. अधूरे योजनाओं को जल्द पूरा कर राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था स्थापित होने की उम्मीद है.