बस स्टैंड पुनर्नर्मिाण पर तत्काल लगी रोक

बस स्टैंड पुनर्निर्माण पर तत्काल लगी रोक 25 केएसएन 6किशनगंज का खस्ता हाल बस स्टैंड-अधर में लटका अत्याधुनिक बस स्टैंड निर्माण कार्य-80 दुकानदारों ने उच्च न्यायालय का खटखटाया दरवाजा, तत्काल निर्माण कार्य पर लगी रोक-अगली सुनवाई आगामी चार दिसंबर को प्रतिनिधि, किशनगंजदयनीय एवं खस्ता हाल हो चुके किशनगंज बस टर्मिनल के पुनर्निर्माण कार्य पर शुरु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 7:45 PM

बस स्टैंड पुनर्निर्माण पर तत्काल लगी रोक 25 केएसएन 6किशनगंज का खस्ता हाल बस स्टैंड-अधर में लटका अत्याधुनिक बस स्टैंड निर्माण कार्य-80 दुकानदारों ने उच्च न्यायालय का खटखटाया दरवाजा, तत्काल निर्माण कार्य पर लगी रोक-अगली सुनवाई आगामी चार दिसंबर को प्रतिनिधि, किशनगंजदयनीय एवं खस्ता हाल हो चुके किशनगंज बस टर्मिनल के पुनर्निर्माण कार्य पर शुरु होने से पहले ही ग्रहण लग गया है. बस टर्मिनल के परिसर में मौजूद लगभग 80 दुकानदार रोजी रोटी एवं बेरोजगारी की समस्या के मद्देनजर नगर परिषद किशनगंज से न्याय नहीं मिलने पर माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उच्च न्यायालय ने तत्काल निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए चार दिसंबर को सुनवाई का तिथि निर्धारित किया है. क्या है पूरा मामलादुकानदार मो नेहाल अख्तर एवं आशिष कुमार ने बताया कि लगभग 23 वर्ष पूर्व किशनगंज बस टर्मिनल का निर्माण किया गया था. आठ अगस्त 1993 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नव निर्मित बस टर्मिनल का उद्घाटन किया. बस टर्मिनल परिसर में स्ववित्तपोषित योजना के तहत नगर परिषद ने एक निश्चित राशि लेकर उन्हें तथा अन्य बेरोजगार युवाओं को दुकान मुहैया कराया था. तब से लेकर आज तक बस टर्मिनल परिसर के दुकानदार रोजगार कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे है. टर्मिनल परिसर में लगभग 80 दुकानदार है. लगभग एक माह पूर्व नगर परिषद ने उनमें से 21 दुकानदारों को नोटिस थमाते हुए कहा कि बस स्टैंड परिसर में निर्माण कार्य होना है. इसलिए दुकान तोड़ा जायेगा. इसे खाली कर दें. इन लोगों ने बताया कि शुरू में दुकानदारों को भी लगा कि बस स्टैंड बढ़िया बन जायेगा और उन्हें नया दुकान मिलेगा. परंतु जब उन्हें यह पता चला कि नये बस टर्मिनल निर्माण के नक्शे में दुकान का कोई प्रावधान नहीं है यह सुन कर उन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गयी. जब दुकान शुरू किया था तब ये दुकानदार युवा थे लेकिन आज वे लोग अधेड़ हो चुके है तथा पारिवारिक जिम्मेवारी सर पर है ऐसी परिस्थिति में उन्हें दुकान से वंचित किया जाना सरासर गलत है.दुकानदार पहुंचे नप कार्यालयसभी दुकानदार एकजुट होकर नप कार्यालय पहुंचे वहां उन्हें अस्थायी तौर पर जगह तो दिया जा रहा था. लेकिन स्थानीय रूप से दुकान दिये जायेंगे या नहीं इसका उन्हें आश्वासन नहीं मिला. अंतत: दुकानदारों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. क्या कहते हैं नप कार्यपालक पदाधिकारी नप कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि लगभग चार करोड़ की लागत से बस टर्मिनल का निर्माण होना है. बस टर्मिनल का नक्शा नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा ही दिया गया है. बस टर्मिनल निर्माण के बाद खाली बचे जगह पर दुकान बने या पार्क बने या कुछ और बने यह किशनगंज नप बोर्ड को करना है.

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