दुष्कर्म पीड़िता ने दबंगों से तंग आ दी जान

दुष्कर्म पीड़िता ने दबंगों से तंग आ दी जान25 अक्तूबर को पड़ोस के युवक ने किया था दुष्कर्ममहिला थाना में दर्ज कराया गया था मामलाआरोपी दे रहे थे सुलह करने की धमकीपीड़िता के परिजनों को दे रहे थे जान से मारने की धमकीप्रतिनिधि, अररियासोमवार को मानवीय संवेदनाओं को हिला कर रख देने वाला एक मामला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2015 9:26 PM

दुष्कर्म पीड़िता ने दबंगों से तंग आ दी जान25 अक्तूबर को पड़ोस के युवक ने किया था दुष्कर्ममहिला थाना में दर्ज कराया गया था मामलाआरोपी दे रहे थे सुलह करने की धमकीपीड़िता के परिजनों को दे रहे थे जान से मारने की धमकीप्रतिनिधि, अररियासोमवार को मानवीय संवेदनाओं को हिला कर रख देने वाला एक मामला तब सामने आया जब दुष्कर्म पीड़िता ने समाज या पुलिस से न्याय नहीं मिलता देख खुद अपनी जान दे दी. मामला जोकीहाट प्रखंड के गैरकी वार्ड संख्या 11 का है. गांव की 18 वर्षीया एक युवती ने दबंगों से तंग आ जहर खा कर सोमवार को अपनी जान दे दी. मृतका अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी. वह वर्ग दशम की छात्रा थी. संजीव कुमार को बनाया गया था नामजद अभियुक्तपड़ोस के ही एक युवक ने 25 अक्तूबर को उसके साथ दुष्कर्म किया था. इंसाफ के लिए पीड़िता के परिवार वाले दर-दर भटकते रहे. गांव वालों ने इंसाफ का भरोसा दिलाया. इंसाफ न मिलता देख पीड़िता के परिवारवालों ने सात नवंबर को स्थानीय महिला थाना में मामला दर्ज कराया. दर्ज मामले में गांव के ही संजीव कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया गया. मामला दर्ज होते ही दोषी पक्ष के लोगों ने पीड़िता के परिवार वालों पर सुलह के लिए दबाव बढ़ाने लगे. परिवारवालों की फजीहत नहीं कर सकी बरदाश्तपीड़िता के चाचा सुमेन कुमार यादव ने बताया कि दोषियों द्वारा पीड़िता के परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी. केस उठाने के लिए उन्हें डराया-धमकाया जाने लगा. यहां तक की इससे भी बड़े घटना को अंजाम दिये जाने की धमकी दी जाने लगी. सुमेन ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से यह सिलसिला और भी तेज होता जा रहा था. उन्होंने कहा कि गांव के किसी वकील ने कल शाम घर पहुंच कर परिवार के लोगों को डराया-धमकाया. अपनी आबरू गंवा चुकी रानी परिवार वालों की फजीहत को बरदाश्त नहीं कर सकी और उसने जहर खा कर अपनी जान दे दी. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि विपक्षी दबंग प्रवृत्ति के हैं, जबकि पीड़िता साधारण कृषक परिवार से संबंध रखती है. परिजनों की मानें तो मामले की जांच के लिए एक बार पुलिस गांव भी पहुंची थी. लेकिन बिना जरूरी कार्रवाई के ही वापस लौट आयी.

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