तस्करों की गतिविधि देश के लिए बड़ा खतरा

तस्करों की गतिविधि देश के लिए बड़ा खतरा प्रतिनिधि पौआखाली(किशनगंज)भारत नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां डाल डाल तो तस्करों का सिंडिकेट पात पात अपनी गहरी चाले चलना जारी रखा है. तमाम दावों के बाद भी सीमा क्षेत्र में तस्करों की गतिविधि तेज है. हाल के दिनों में घटित एसएसबी जवानों के साथ वाली घटना इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 8:29 PM

तस्करों की गतिविधि देश के लिए बड़ा खतरा प्रतिनिधि पौआखाली(किशनगंज)भारत नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां डाल डाल तो तस्करों का सिंडिकेट पात पात अपनी गहरी चाले चलना जारी रखा है. तमाम दावों के बाद भी सीमा क्षेत्र में तस्करों की गतिविधि तेज है. हाल के दिनों में घटित एसएसबी जवानों के साथ वाली घटना इस बात को उजागर करती है. भारत नेपाल की खुली सीमा तस्करों के लिए तस्करी का मुफीद जरिया बना हुआ है. जहां इसका फायदा तस्करों का सिंडिकेट बखूबी उठा रहा है. जिसको रोक पाने में सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां अभी तक सफल नहीं हुई है. पहले ही सीमा पर मादक पदार्थों, जाली नोटों, मानव व्यापार, पशु तस्करी, सुपारी तस्करी और अब खाद्य पदार्थों से लेकर उर्वरक पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी जारी है. वहीं नेपाल में मधेशी आंदोलन से उपजे विवादों के चलते दोनों मुल्कों के बीच रोटी बेटी जैसे संबंधों पर आंच आने से राष्ट्र विरोधी ताकते अपने मंसूबों को फलीभूत करने में लगी है. ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि इसके लिए सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों को ईमानदारी और मजबूती से काम करना होगा. सूत्र बताते है कि सीमा पार से तस्करी का धंधा देश की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक सीमा पार से दिखावे के लिए सुपारी की तस्करी हो रही है. जबकि इसके आर में तस्करों द्वारा बड़े बड़े कारनामों को भी अंजाम दिया जा रहा है. कई बार आतंकियों के द्वारा नेपाल के रास्ते भी भारत में प्रवेश का आइबी व अन्य सुरक्षा एजेंसी ने दावा किया है. इसके बाद भी खुली सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ ढीली पड़ना चिंता का विषय है. सीमा पर हर कीमत में सख्ती और पैनी नजर की जरूरत है.

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