फाईल 2, अररिया की खबरें.

फाईल 2, अररिया की खबरें. सिकटी वासियों का बड़ा सवाल: कब उद्धार होगा एबीएम सिकटी पथ का -सिकटी वासियों को है एबीएम सिकटी के पथ के उद्धारक की तलाश, कब बनेगी सड़कफोटो:1- जर्जर एबीएम सिकटी सड़क व टूटा हुआ रानी पुल प्रतिनिधि, सिकटीसामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण व भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से जिला मुख्यालय को जोड़ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 6:50 PM

फाईल 2, अररिया की खबरें. सिकटी वासियों का बड़ा सवाल: कब उद्धार होगा एबीएम सिकटी पथ का -सिकटी वासियों को है एबीएम सिकटी के पथ के उद्धारक की तलाश, कब बनेगी सड़कफोटो:1- जर्जर एबीएम सिकटी सड़क व टूटा हुआ रानी पुल प्रतिनिधि, सिकटीसामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण व भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली एबीएम सिकटी पथ व इस पर स्थित रानीपुल व बीड़ी पुल की हालत दयनीय है. हालांकि रानीपुल व बीड़ी पुल का टेंडर हो चुका है पर कार्य धीमा होने के कारण लोग पुल के ससमय पूरा होने पर संदेह जता रहे हैं. विगत कई वर्षों से इस सड़क से होकर आवागमन बाधित है. जिसके चलते इस प्रखंड के लोगों को वाहनों से कुआड़ी, कुसाकांटा होकर लंबी दूरी कर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. इस सड़क पर स्थित बीड़ी पुल तो स्थानीय लोगों द्वारा आपसी सहयोग से किसी तरह जाने लायक बना दिया जाता है पर रानी पुल की स्थिति बहुत ही खराब है. पिछले साल आयी बाढ़ में रानीपुल ध्वस्त हो गया था. जो आज भी उसी हालत में है. बकरा नदी पर बने इस पुल के ध्वस्त हो जाने के कारण लोगों को नदी या तो नाव पर पार करना पड़ता है या फिर कुर्साकांटा होकर अररिया जाना पड़ता है. इधर बैरगाछी एवं कसैला पुल का एप्रोच निमार्णाधीन है. ऐसे हालात में गंभीर बीमारियों को अररिया ले जाना एक दुष्कर कार्य है. भगवान भरोसे ही लोग मरीजों को डॉक्टर तक पहुंच पाते हैं. इस सड़क व पुलों के निर्माण के लिए कई बार शिलान्यास हो चुका है. शिलान्यास के लिए लगाये गये शिलापटों का जिक्र किया जाय तो राजनेताओं की एक लंबी फेहरिस्त है. इसमें तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री व राज्य सरकार के मंत्री से लेकर पूर्व एवं वर्तमान विधायक व सांसद के नाम देखे जा सकते हैं. लेकिन इस सड़क के जीर्णोद्धार के लिए अब तक सार्थक प्रयास सामने आता नहीं दिखा है. भले ही सड़क एवं पुल निर्माण के लिए किए गए प्रयासों का श्रेय लेने की राजनैतिक होड़ जरूर लगी रही. प्रखंडवासियों की जुबान पर केवल एक बात है कि आखिर इस सड़क पर आवागमन कब चालू होगा और बस कब दौड़ेगा. कौन बनेगा इस सड़क उद्धारक.

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