बच्चों में अलौकिक ज्ञान भी आवश्यक : आचार्य

बच्चों में अलौकिक ज्ञान भी आवश्यक : आचार्य फोटो:22-प्रवचन देते आचार्य फोटो:23-प्रवचन सुनते स्थानीय लोग व भक्त गण प्रतिनिधि,अररियाअहिंसा के साथ-साथ सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संदेश को जन- जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से अहिंसा पद यात्रा पर निकले आचार्य श्री महाश्रमण 13 वें दिन शनिवार को आदर्श मध्य विद्यालय बारा पहुंचे. आचार्य महाश्रमण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 8:31 PM

बच्चों में अलौकिक ज्ञान भी आवश्यक : आचार्य फोटो:22-प्रवचन देते आचार्य फोटो:23-प्रवचन सुनते स्थानीय लोग व भक्त गण प्रतिनिधि,अररियाअहिंसा के साथ-साथ सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संदेश को जन- जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से अहिंसा पद यात्रा पर निकले आचार्य श्री महाश्रमण 13 वें दिन शनिवार को आदर्श मध्य विद्यालय बारा पहुंचे. आचार्य महाश्रमण के स्वागत में आदर्श मध्य विद्यालय बारा के छात्र-छात्राओं द्वारा रैली का आयोजन किया गया. आचार्य श्री महाश्रमण के स्वागत में विद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया. आचार्य श्री महाश्रमण के स्वागत सभा को संबोधित करते हुए विद्यालय के सहायक शिक्षक विनोद कुमार ने कहा कि मैला आंचल, परती परिकथा जैसी अनेक रचनाओं और तीसरी कसम फिल्म के अमर कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु के जन्म भूमि और बाबा सेवादास के कर्म भूमि में पहली बार किसी जैन धर्माचार्य का आगमन हुआ है. उनके आगमन से बारा मानिकपुर की भूमि पावन हो गयी. आचार्य श्री के अहिंसा यात्रा के संकल्पों को जीवन में उतारने का यथा संभव प्रयास करेंगे. आचार्य श्री ने अपने प्रवचन के क्रम में छात्र-छात्राओं को उपदेश देते हुए कहा कि बच्चों में ज्ञान अर्जन की ललक होनी चाहिए विद्या की अराधना और धर्म की आचारणात्मक आराधना मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करता है. उन्होंने कहा कि मोक्ष प्राप्ति मानव जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए. जैन दर्शन में आठ प्रकार बताये गये कर्मों से जब आत्मा मुक्त होती है तो वह मोक्ष को प्राप्त करती है. आचार्य श्री ने शिक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चों को विद्यालय में लौकिक ज्ञान दिया जाता है उसके साथ अलौकिक ज्ञान भी उन्हें प्राप्त हो ऐसी शिक्षा पर बल देना आवश्यक है. बच्चों में ज्ञान के साथ संस्कारों का भी विकास हो तो अच्छे जीवन का निर्माण संभव हो सकता है. मंच संचालन मुनि श्री दिनेश कुमार ने किया.

Next Article

Exit mobile version