सिर का आभूषण है गुरु को नमस्कार करना : महाश्रमण

सिर का आभूषण है गुरु को नमस्कार करना : महाश्रमण फोटो:4-प्रवचन देते आचार्य.प्रतिनिधि, फारबिसगंज आचार्य अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महावीर भवन में अपने प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मनुष्य शरीर का पोषण करता है तथा शरीर को स्वस्थ रखने के अथक परिश्रम करता है. इस शरीर से अच्छा और बुरा दोनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 7:00 PM

सिर का आभूषण है गुरु को नमस्कार करना : महाश्रमण फोटो:4-प्रवचन देते आचार्य.प्रतिनिधि, फारबिसगंज आचार्य अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महावीर भवन में अपने प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मनुष्य शरीर का पोषण करता है तथा शरीर को स्वस्थ रखने के अथक परिश्रम करता है. इस शरीर से अच्छा और बुरा दोनों काम किया जा सकता है. लेकिन इस शरीर से हमलोगों को धर्म का काम लेना चाहिए. उन्होंने शरीर के अंगों को विभूषित करने का उपाय अपने उपदेश में बताया. आचार्य प्रवर ने अपने उपदेश में कहा कि हाथ का आभूषण है गुरु को नमस्कार करना, मुंह का आभूषण है सत्य वाणी बोलना अर्थात झूठ नहीं बोलना, कान का आभूषण है ज्ञान की बातें सुनना अर्थात धर्म की बातें सुनना, हृदय का आभूषण है पवित्र भाव रखना व भुजा का आभूषण है सेवा. उन्होंने हर मनुष्य को हिंसा से बचने की अपील की.

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