हादसे में मौत नहीं, साजिश के तहत हुई है संजीव की हत्या

हादसे में मौत नहीं, साजिश के तहत हुई है संजीव की हत्यादिवंगत दारोगा के भाई ने संजीव की मौत को बताया किसी साजिश का नतीजामामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री और डीजीपी से उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे परिजन फोटो-12- संजीव कुमार को फाइल फोटो प्रतिनिधि, अररियापूर्णिया सदर थाना में कार्यरत एसआइ संजीव कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 7:48 PM

हादसे में मौत नहीं, साजिश के तहत हुई है संजीव की हत्यादिवंगत दारोगा के भाई ने संजीव की मौत को बताया किसी साजिश का नतीजामामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री और डीजीपी से उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे परिजन फोटो-12- संजीव कुमार को फाइल फोटो प्रतिनिधि, अररियापूर्णिया सदर थाना में कार्यरत एसआइ संजीव कुमार रजक की सड़क दुर्घटना में मौत की गुत्थी दिन ब दिन उलझती जा रही है. घटना के तीसरे दिन दिवंगत दारोगा के परिजनों ने घटना को किसी साजिश का नतीजा बताया. अररिया निवासी दारोगा के पिता रामचंद्र रजक ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में संजीव के अलावा पांच पुलिस कर्मी व एक कैदी के सवार होने की बात पूर्णिया थाना में कार्यरत संजीव के साथियों द्वारा बतायी गयी. दुर्घटना में वाहन पर सवार अन्य लोगों को मामूली चोटें आयी हैं. जबकि इसी घटना में संजीव की मौत हो गयी. गौरतलब है ट्रक से वाहन के टकराने व इतनी गहरी खाई में वाहन के गिरने के बाद भी अन्य सवारों को कुछ नहीं हुआ. यह जांच का मामला है. उन्होंने उक्त कैदी के अब भी हवालात में होने की बात कही. इधर, दिवंगत दारोगा के बड़े भाई मुकेश कुमार रजक ने मामले में पुलिसिया कार्रवाई पर उंगली उठाते हुए कहा कि पुलिस कहती है कि संजीव की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी, तो फिर आनन-फानन में बिना परिजनों के पहुंचे ही उनके शव का पोस्टमार्टम कैसे करा दिया गया. परिजनों का इंतजार क्यों नहीं किया गया. जबकि पोस्टमार्टम के लिए परिजनों की अनुमति पुलिस एक्ट के मुताबिक जरूरी है. दिवंगत दारोगा के भाई मुकेश कुमार रजक जो मोतिहारी प्रखंड के बनकटवा प्रखंड में बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं ने कहा कि संजीव की मौत के पीछे एक बड़ा साजिश है. उन्होंने संजीव के साथियों द्वारा उसकी हत्या करने व मौत का ताना बाना बुन कर परिजनों को गुमराह करने का आरोप लगाया. मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग बीडीओ मुकेश कुमार पूर्णिया पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यह अजीब वाकया है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन पर सवार एक की मौत होती है जबकि अन्य पांच सवार को खरोंच तक नहीं आता. साथियों द्वारा बड़े चालाकी से संजीव के हत्या की गयी है. उन्होंने कहा कि हाल ही में पूर्णिया पुलिस प्रशासन ने जांबाज दारोगा संजीव को पुरस्कृत करने की घोषणा की थी. इसके कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गयी. बीडीओ मुकेश ने मामले उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि संजीव की तेरहवीं बीतने के बाद वे राष्ट्रीय व राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग सहित डीजीपी व मुख्यमंत्री को मामले की जानकारी देते हुए एक जांबाज दलित पुलिस अधिकारी के रहस्यमय मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे.

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