प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच पिकनिक मनाने से तरसेंगे लोग

प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच पिकनिक मनाने से तरसेंगे लोग मधेशी आंदोलन के कारण लोग नेपाल जाने से कतरा रहे हैं लोग फोटो:-प्रतिनिधि, अररियानव वर्ष 2016 के सेलीब्रेशन के मौके पर नेपाल की वादियां इस बार खाली खाली सी रहेंगी. मधेशी आंदोलन के कारण लोग इस साल नेपाल जाने से कतरा रहे हैं. नेपाल में 135 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2015 6:43 PM

प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच पिकनिक मनाने से तरसेंगे लोग मधेशी आंदोलन के कारण लोग नेपाल जाने से कतरा रहे हैं लोग फोटो:-प्रतिनिधि, अररियानव वर्ष 2016 के सेलीब्रेशन के मौके पर नेपाल की वादियां इस बार खाली खाली सी रहेंगी. मधेशी आंदोलन के कारण लोग इस साल नेपाल जाने से कतरा रहे हैं. नेपाल में 135 दिनों से जारी मधेशी आंदोलन के कारण एक तरफ नेपाल का तराई क्षेत्र सुलग रहा है तो दूसरी तरफ नेपाल के अंदर पहाड़ों पर भी जन जीवन अशांत हुआ है. देखा जाये तो नेपाल वर्ष 2015 के अगस्त माह से ही मधेशी आंदोलन की आग में जल रहा है. लगभग साढ़े चार माह से जारी आंदोलन ने नेपाल के अर्थव्यवस्था को बुरी प्रकार से झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में भारतीय सैलानी नव वर्ष के मौके पर नेपाल नहीं जा रहे हैं. वहां जारी हिंसा के कारण लोग नेपाल जाने से गुरेज कर रहे हैं. नेपाल के धरान स्थित भेडेटार में होटल व्यवसायी आज के दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. नव वर्ष को सेलीब्रेट करने वाले 31 दिसंबर की मध्य रात व एक जनवरी के पूरा दिन व रात लोग भेडेटार के वादियों में जम कर मनोरंजन करते थे. पिकनिक के साथ-साथ तीर्थ स्थलों को दर्शन नर्व वर्ष में नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र पिकनिक मनाने व नेपाल के भूमि पर अवस्थित अनेकों तीर्थ की यात्रा पाले तीर्थ यात्रियों को नेपाल में चल रहे आंदोलन का गम साल रहा है. नेपाल का भेडेटार, जनकपुर, धरान, चतरागद्दी, मुगलिंग पहाड़ पर बसा मनोकामना मंदिर, द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक पशुपतिनाथ मंदिर, भगवान बुद्ध का लुंबनी, पोखरा की हसीन वादी, पोखरा के गुफाओं में छिपे कई रहस्य दर्शकों को बरबस ही अपने और आकर्षित करता है. लेकिन नेपाल में मेधशियों के द्वारा जारी आंदोलन व नेपाल के पहाड़ों पर खाद्य व अन्य संकट लोगों को नेपाल पर्यटन पर जाने से भयभीत कर रहा है. नेपाल में कम होगी भारतीय सैलानियों की संख्या नेपाल के धरान में स्थित दंत काली मंदिर, बाबा पिंडेश्वरनाथ शिव मंदिर, चतरागद्दी स्थित वराहक्षेत्र मंदिर, मुंग्लिंग पहाड़ पर मनोकामना मंदिर, बुढ़ा सुब्बा मंदिर, काठमांडु बाबा पशुपति नाथ शिव मंदिर, पोखरा में स्थित विभिन्न गुफाओं में स्थित मंदिरों , बुद्ध के ज्ञान स्थली, राजा जनक के पुत्री राम सीता के विवाह स्थल मिथिलांचल की धरती व अन्य कई पवित्र स्थलों के दर्शन से लोग महरूम रह जायेंगे. इन मंदिरों में माथा टेकेंगे जिला वासी नव वर्ष के मौके पर नये साल में अपने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य की कामना के लिए भगवान के चौखट पर मत्था टेक सकते हैं. इसके लिए कुर्साकांटा का पांडव कालीन ऐतिहासिक शिव मंदिर सुंदरनाथ, मदनपुर स्थित मदनेश्वर, अररिया का काली मंदिर, रानीगंज काली मंदिर, बसैटी शिव मंदिर, जलालगढ़ सीमाकात काली मंदिर, जोकीहाट उखवा काली मंदिर, जहानपुर शिव मंदिर, शरणपुर दभड़ा काली मंदिर, पलासी दौलतपुर काली मंदिर, बरदबट्टा काली मंदिर, जयनगर काली मंदिर, भरगामा चंडी मंदिर, फारबिसगंज काली मंदिर, कपरफोड़ा काली मंदिर आदि कई ऐसे प्रचलित हैं. नव वर्ष में बिकेंगे एक लाख 61 हजार लीटर शराब प्रतिनिधि, अररिया जिले में नव वर्ष के मौके पर हालांकि शराब की खपत भी बढ़ी है. संभव है कि लोग शराब के नशा पान कर भी नव वर्ष को सेलीब्रेट करें. उत्पाद विभाग से मिले 30 दिसंबर के डाटा के अनुसार एक लाख 60 हजार 549 बल्क लीटर शराब की डिमांड को जिले के 109 लाइसेंसी दुकान को आपूर्ति की गयी है. इसमें देशी शराब 78 हजार 786 बल्क लीटर, बियर 34 हजार 821 ब्लक लीटर जबकि 46 हजार 942 लीटर अंग्रेजी शराब की आपूर्ति शामिल है, जो कि अन्य माह की अपेक्षा काफी ज्यादा है. हालांकि उत्पाद अधीक्षक लाला अजय कुमार सुमन ने भी लोगों को एहतियात के तौर पर नव वर्ष को सेलीब्रेट करने के लिए सावधानी बरतने के साथ शराब का सेवन के बेहद दुष्परिणाम के प्रति चेताया है. उन्होंने कहा कि अगर फिर भी पीना जरूरी है तो घर में शराब सेवन करें जिससे दूसरों को परेशानी नहीं हो.

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