2015 में सड़क दुर्घटना में 277 की गयी जान
2015 में सड़क दुर्घटना में 277 की गयी जानघटनाओं में ज्यादातर बाइक सवार शामिल प्रतिनिधि, अररिया बीते वर्ष 2015 में सड़क दुर्घटना में 277 लोगों की मौत हुई. ज्यादातर दुर्घटना बाइक की हुई. उसके बाद ऑटो से ज्यादा हुआ. कहीं ट्रक ने बाइक सवार को रौंदा तो कही सड़क पार करने के दौरान ट्रक ने […]
2015 में सड़क दुर्घटना में 277 की गयी जानघटनाओं में ज्यादातर बाइक सवार शामिल प्रतिनिधि, अररिया बीते वर्ष 2015 में सड़क दुर्घटना में 277 लोगों की मौत हुई. ज्यादातर दुर्घटना बाइक की हुई. उसके बाद ऑटो से ज्यादा हुआ. कहीं ट्रक ने बाइक सवार को रौंदा तो कही सड़क पार करने के दौरान ट्रक ने रौंदा. चमचमाती सड़कों पर तेज रफ्तार बाइक, चलाना इन दुर्घटनाओं का कारक माना जाता है. घटना के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा सड़क जाम करना आम बात हो गयी है. प्रशासनिक पदाधिकारी जाम स्थल पर पहुंच कर जाम हटवाते हैं. कहीं-कहीं तो पारिवारिक लाभ की राशि घटनास्थल पर ही देने को प्रशासन मजबूर हो जाती है. माना जाता है कि बहुत सारी घटनाएं नशापान कर बाइक या वाहन चलाने के वजह से होती है. पुलिस इसको ले माउथ-इन-हेलर का माध्यम से चालकों की जांच नहीं करती है. अगर ऐसी जांच हो तो शायद नशा पान कर वाहन चलाने वालों में खौफ पैदा होगा. इससे वाहन चालक की जान भी बच जायेगी. सड़क में कुछ ऐसी भी मौत होती है. जिसमें मृतक के परिजनों थाना को सूचना नहीं देते हैं. आपस में समझौता कर लेते हैं कि कौन जाये पुलिसिया चक्कर में. आंकड़े पर गौर करे तो प्रतिमाह ढेड़ दर्जन लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई. 20 जनवरी से 13 मार्च 2015 तक 50, 14 मार्च से 14 अप्रैल तक 50, 15 अप्रैल से 12 जुलाई तक 50, 13 जुलाई से 10 सितंबर तक एक सौ, 11 सितंबर से आठ नवंबर 2015 तक 50 की मौत सड़क दुर्घटना में हुई. सदर अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि आठ नवंबर से 31 दिसंबर तक कुल 27 लोगों की जान सड़क दुर्घटना में हुई. बहरहाल, कातिल सड़कों ने बीते साल 277 लोगों की जान ली. कितने का सुहाग उजड़ा, कितनों का लाडला गया. इस तरह के दर्दनाक हादसों के साथ गुजरा बीता साल 2015.