पांच वेंडरों के स्टॉल को रेल प्रशासन ने किया बंद

पांच वेंडरों के स्टॉल को रेल प्रशासन ने किया बंद फोटो 11 केएसएन 4पीड़ित दुकानदार वेंडरों के जीने का सहारा छीनने से परेशान प्रतिनिधि, किशनगंजरेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अरसे से चाय नास्ते की दुकान चला कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले 5 वेंडरों के प्रतिष्ठान को रेलवे द्वारा तुगलकी फरमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2016 8:25 PM

पांच वेंडरों के स्टॉल को रेल प्रशासन ने किया बंद फोटो 11 केएसएन 4पीड़ित दुकानदार वेंडरों के जीने का सहारा छीनने से परेशान प्रतिनिधि, किशनगंजरेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अरसे से चाय नास्ते की दुकान चला कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले 5 वेंडरों के प्रतिष्ठान को रेलवे द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर गत 2 दिसंबर से बंद कर दिये जाने के बाद भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके वेंडरों ने आगामी 22 जनवरी को प्रस्तावित रेल महाप्रबंधक के दौरे के दौरान सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की धमकी दी है. पीडि़त स्टॉल संचालकों का कहना है कि वे ससमय रेलवे को दुकानों का किराया सौंप दिया करते थे. इसके बावजूद रेल महाप्रबंधक के प्रस्तावित दौरे के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर को चुस्त दुरूस्त दिखाने के उद्देश्य से रेलवे ने साजिश के तहत सर्वप्रथम उनका फूड लाइसेंस रद्द कर दिया फिर गत 7 जनवरी को दुकान हटाने का निर्देश जारी कर दिया तथा न हटाने की स्थिति में बल प्रयोग करने की भी धमकी दे डाली. हालांकि घटना से डरे सहमे प्रतिष्ठान संचालकों ने विगत 2 दिसंबर से ही अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया है. नतीजतन अब उनके समक्ष भूखमरी की नौबत आ गयी है. उन्हें अब यह डर सताने लगा है कि महाप्रबंधक के दौरे के पश्चात कहीं रेलवे उनसे जीविका का सहारा न छीन ले. नतीजतन प्रतिष्ठान संचालक रेलवे से उचित आश्वासन की मांग करने लगे और वरीय पदाधिकारी के कार्यालयों के बार बार चक्कर लगाने के बाद भी जब रेलवे ने उन्हें उचित आश्वासन नहीं दिया तो वे विचलित हो उठे और आत्मदाह की धमकी दे डाली. हालांकि इस संबंध में कटिहार रेल डिविजन के डीआरएम उमा शंकर सिंह यादव ने कहा कि रेलवे नियमानुसार ही कार्य करती है तथा मान्यता प्राप्त वेंडरों को ही रेल परिसर में स्टॉल लगाने की अनुमति प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि इन वेंडरों के माले की जांच कर उचित कार्रवाई अवश्य की जायेगी. इस संबंध में पूछे जाने पर कटिहार रेल डिविजन के सीनियर डीसीएम पवन कुमार ने मीटिंग में व्यस्त रहने का हवाला देकर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. जबकि पीडि़त प्रतिष्ठान संचालक जगरन्नाथ यादव, परशुराम यादव, रामप्रति यादव, आरक्षी चौधरी आदि आत्मदाह करने की जिद्द पर अड़े थे.

Next Article

Exit mobile version