गिरफ्तार वारंटी को नगर थाना हाजत से छोड़ने पर पूर्व एपीपी ने डीजीपी को लिखा पत्र

गिरफ्तार वारंटी को नगर थाना हाजत से छोड़ने पर पूर्व एपीपी ने डीजीपी को लिखा पत्रथानाध्यक्ष पर लगाया 50 हजार रुपये रिश्वत लेकर छोड़ने का आरोपजांचोपरांत दोषी पर कार्रवाई की मांग प्रतिनिधि, अररिया नगर थाना हाजत से गिरफ्तार वारंटी को छोड़ने को लेकर अपर लोक अभियोजक साबिर आलम ने मुख्यमंत्री सहित पुलिस के आला अफसरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 6:48 PM

गिरफ्तार वारंटी को नगर थाना हाजत से छोड़ने पर पूर्व एपीपी ने डीजीपी को लिखा पत्रथानाध्यक्ष पर लगाया 50 हजार रुपये रिश्वत लेकर छोड़ने का आरोपजांचोपरांत दोषी पर कार्रवाई की मांग प्रतिनिधि, अररिया नगर थाना हाजत से गिरफ्तार वारंटी को छोड़ने को लेकर अपर लोक अभियोजक साबिर आलम ने मुख्यमंत्री सहित पुलिस के आला अफसरों को आवेदन देकर घटनाक्रम की जांच की मांग की है. आवेदन में कहा गया है कि न्यायालय में दाखिल मुकदमा संख्या 327 सी/2016 में कुल आठ लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. सभी अभियुक्तों के विरुद्ध 14 दिसंबर 2015 को न्यायालय से अजमानतीय वारंट निर्गत हुआ था. 28 दिसंबर को नगर थाना के एएसआइ निगम चंद्र मिश्रा ने वारंटी मो असगर अलि को गिरफ्तार किया था. एक वरीय पुलिस पदाधिकारी के दबाव में आकर नगर थानाध्यक्ष रमेश कांत चौधरी ने 50 हजार रुपये लेकर 30 दिसंबर को गिरफ्तार असगर अलि को हाजत से मुक्त कर दिया. अपर लोक अभियोजक ने दिये आवेदन में कहा है कि गिरफ्तार अभियुक्त को थाना से छोड़ना भ्रष्ट आचरण को इंगित करता है. ऐसी स्थिति में अपराध नियंत्रण होना असंभव है. अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने व इस घटना क्रम की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है. आवेदन की प्रति आइजी दरभंगा, डीआइजी पूर्णिया, एसपी अररिया को भी भेजा गया है. कहते हैं थानाध्यक्ष इस बाबत नगर थानाध्यक्ष रमेश कांत चौधरी ने लगाये गये आरोप को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस अभियुक्त को गिरफ्तार करने गयी थी. अन्य सात अभियुक्त घर में नहीं था. घर में सिर्फ अभियुक्त असगर अलि था. जो वृद्ध भी है और गंभीर तौर पर बीमार भी था. इसलिए समाज के लोगों ने वृद्ध की गिरफ्तारी नहीं करने का अनुरोध करते हुए जमानत करा लेने का आश्वासन दिया था.

Next Article

Exit mobile version