पांच करोड़ का कारोबार प्रभावित

अररिया : सरकार के द्वारा निर्धारित नयी कर नीति के विरोध में व्यवसायियों के द्वारा अपनी दुकानों को दूसरे दिन बंद भी बंद रखा गया. बंदी के कारण जिले में करीब पांच करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर पूरे बिहार में कपड़ा व्यवसायियों के द्वारा तीन दिनों के बंदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2016 4:59 AM

अररिया : सरकार के द्वारा निर्धारित नयी कर नीति के विरोध में व्यवसायियों के द्वारा अपनी दुकानों को दूसरे दिन बंद भी बंद रखा गया. बंदी के कारण जिले में करीब पांच करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर पूरे बिहार में कपड़ा व्यवसायियों के द्वारा तीन दिनों के बंदी जारी है.

अररिया वस्त्र विक्रेता संघ के द्वारा वैट के विरोध में शनिवार को जुलूस निकाला गया. पांच दर्जन से ज्यादा व्यवसायी जुलूस में शामिल हुए. व्यवसायियों का जुलूस बसंतपुर हाट से चांदनी चौक होते हुए समाहरणालय पहुंचा. व्यवसायियों का प्रतिनिधि मंडल डीएम से मिल कर वस्त्र व्यवसाय के ऊपर लगाये जा रहे वैट कर को वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला पदाधिकारी को सौंपा.

इधर जिले में कपड़ा व्यवसायियों के द्वारा वैट कर के विरोध में उनके प्रतिष्ठानों को बंद करने का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. कुर्साकांटा, मदनपुर, आदि स्थानों के कपड़ा व्यवसायियों के द्वारा भी बंद का समर्थन करते हुए अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा गया.

व्यवसाय प्रभावित
वस्त्र विक्रेता संघ के सचिव राजेश बेगवानी ने बताया कि चेंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर जिले में नव गठित कमेटी के तत्वावधान में बंद का असर पूरे जिले में देखने को मिल रहा है. इससे जहां व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है वही लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसका परिणाम है कि कपड़ा व्यवसाय को पांच करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष हनुमानमल जैन ने कहा कि सरकार के द्वारा वैट कर नहीं वापस लिया गया तो आंदोलन को आगे बढ़ाने पर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा. जुलूस व बंद को सफल बनाने में वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष व सचिव के अलाव उपाध्यक्ष हाजी गुलाम कादिर, सह सचिव संजय भगत, कोषाध्यक्ष धर्मचंद चौरडि़या, कमल चौरडि़या, मो हैदर, मो अरसद अयाज, पवन चिंडालिया, राजेश चिंडालिया, पारस बेगवानी आदि व्यवसायी शामिल थे.

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