जांच की आंच में फंस सकते हैं डीम एसएफसी
एसपी व एसडीपीओ ने की डीएम एसएफसी से चार घंटे तक लंबी पूछताछ, मांगे दस्तावेज 14 हजार क्विंटल खाद्यान्न घोटाले से जुड़ा है मामला, पांच लोगों पर दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी अररिया : जिले में 14 हजार क्विंटल के घोटाले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस की कार्रवाई भी तेज हो गयी है. […]
एसपी व एसडीपीओ ने की डीएम एसएफसी से चार घंटे तक लंबी पूछताछ, मांगे दस्तावेज
14 हजार क्विंटल खाद्यान्न घोटाले से जुड़ा है मामला, पांच लोगों पर दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी
अररिया : जिले में 14 हजार क्विंटल के घोटाले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस की कार्रवाई भी तेज हो गयी है. परिणाम स्वरूप जांच के दायरे में अब एसएफसी के जिला प्रबंधक से लेकर एसएफसी के कर्मी भी निशाने पर आ रहे हैं. मंगलवार को एसडीपीओ मो कासिम एसएफसी कार्यालय पहुंच कर रानीगंज व अररिया आरएस के सीएमआर गोदाम के दस्तावेजों की जांच की गयी. साथ ही जिला प्रबंधक व एसएफसी के कर्मी को आवश्यक पूछताछ की कार्रवाई एसपी सुधीर कुमार पोरिका के द्वारा भी अररिया पुलिस लाइन में की गयी. पूछताछ की कार्रवाई बेहद गोपनीय तरीके से की गयी.
वहां पुलिस पदाधिकारियों के अलावा किसी और के जाने पर सख्त मनाही थी. जानकारी अनुसार एसडीपीओ एसएफसी के जिला कार्यालय में ग्यारह बजे के आस पास पहुंचे व पुलिस कर्मी के विशेष निगरानी में एसएफसी के सभी कर्मी से बारी-बारी से पूछताछ कर जिला प्रबंधक चंचल कुमार वर्मा व अन्य के साथ पुलिस लाइन पहुंचे.
जानकारी अनुसार पुलिस पदाधिकारियों के उपस्थिति में एसपी के द्वारा डीएम एसएफसी व एसएफसी कर्मी से रानीगंज व अररिया आरएस के सीएमआर गोदाम के स्टॉक पंजी के बाबत पूछताछ की. हालांकि यह बात सामने नहीं आ पा रही है कि 14 हजार क्विंटल के अनाज घोटाला में कहां तक डीएम एसएफसी व एसएफसी के कर्मी की संलिप्तता है. लगभग चार घंटे तक चली पूछताछ के बाद डीएम एसएफसी व एसएफसी कर्मी से एसपी के द्वारा रानीगंज व अररिया आरएस के सीएमआर गोदाम के स्टॉक पंजी की मांग की गयी है.
क्या है मामला : रानीगंज प्रखंड स्थित एसएफसी के टीपीडीएस गोदाम में क्षमता से तीन गुणा अधिक खाद्यान्न भंडारित करने का मामला समाने आ रहा था. फिजिकल जांच के बाद पदाधिकारियों को गोदाम में अनाज के स्टॉक में कमी पायी गयी. डीएम के निर्देश पर पांच फरवरी की संध्या जिले के सभी सीएमआर गोदाम को सील कर दिया गया.
डीएम को जहां भी शक हुआ वहां दो पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी. जांच के क्रम में रानीगंज के टीपीडीएस गोदाम में 12832 क्विंटल चावल जबकि 840.50 क्विंटल गेहूं का स्टॉक पाया गया. इस दौरान रानीगंज गोदाम के गोदाम प्रबंधक प्रभाष चंद्र सिंह फरार हो गये. इधर अररिया आरएस के गोदाम के जांच के क्रम में 957 बोरा चावल व 442 बोरा गेहूं स्टॉक में कम पाया गया. रानीगंज के टीपीडीएस गोदाम में चावल की 26714 बोरियां होनी चाहिए थी. लेकिन मिला 3040 बोरा.
गेहूं का 4721 बोरी होना चाहिए था जबकि मिला कम. जिले में इतने बड़े अनाज घोटाले की परत खुलते ही डीएम की कार्रवाई की गाज अनाज माफिया के गरदन तक पहुंचने लगे हैं. इसी क्रम में डीएसओ द्वारा रानीगंज थाना कांड संख्या 47/16 दर्ज करते हुए चार लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया. इसमें गोदाम प्रबंधक सह बीसीओ प्रभाष चंद्र सिंह, अररिया के तत्कालीन सीएमआर गोदाम प्रभारी नवीन कुमार, हसनपुर पैक्स सह व्यापार मंडल अध्यक्ष नथनेश्वर सिंह, व परिवहन अभिकर्ता एसएफसी उमेश यादव शामिल हैं.
इधर भूमि सुधार उप समाहर्ता के पत्रांक 144 दिनांक 9 फरवरी के आदेश पर अररिया आरएस ओपी में कांड संख्या 17/16 दर्ज करते हुए सहायक गोदाम प्रबंधक वेंकटेश्वर मिश्र को नामजद व अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है. हालांकि प्राथमिकी दर्ज होने के एक सप्ताह के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी पुलिस करने में नाकाम रही है.