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सुसराल वालों के खिलाफ जाने पर बच्चे के साथ किया घर से बाहर

मासूम बच्चे के साथ बीना ने रेलवे स्टेशन पर बितायी रात दयनीय हालत को देख वीक्षक व बीडीओ ने की मदद धाेखा. लड़की के िपता ने पेश की नजीर दूल्हे को दिखता था कम, लौटायी बरात धोखाधड़ी कर शादी करने आये दूल्हे की ऐन मौके पर पोल खुल गयी, लड़की के पिता ने बरात लौटा […]

मासूम बच्चे के साथ बीना ने रेलवे स्टेशन पर बितायी रात

दयनीय हालत को देख वीक्षक व बीडीओ ने की मदद
धाेखा. लड़की के िपता ने पेश की नजीर
दूल्हे को दिखता था कम, लौटायी बरात
धोखाधड़ी कर शादी करने आये दूल्हे की ऐन मौके पर पोल खुल गयी, लड़की के पिता ने बरात लौटा कर नजीर पेश कर दी.
अररिया : बेटियों को अभिशाप समझने वाले पिता के लिए रंजीत महतो जैसे पिता ने बेटी की जिंदगी को बरबाद होने से बचाने के लिए बरात वापस लौटा कर एक उदाहरण पेश किया है. बरात बिन दुल्हन के लौट ही नहीं गयी बल्कि दूल्हे के शादी के मंसूबे पर भी पानी फिर गया. कहानी दिलचस्प है. शहर के ओम नगर बिंद टोला निवासी रंजीत महतो के घर उसकी बेटी पिंकी कुमारी की शादी को लेकर रविवार को दियारी मजगामा से बरात पहुंची. बरात का भव्य स्वागत हुआ. बरात को नाश्ता दिया गया. खाने में बरात के लिए मांस व मछली का प्रबंध था.
इस बीच लड़का-लड़की का जयमाल हुआ. जयमाल के वक्त जब लड़का लड़की को माला पहनाने का प्रयास कर रहा था तो उसकी नजर काम करना बंद कर रही थी. खैर जैसे तैसे स्वयंवर की रश्म पूरी हुई. लेकिन कमोबेश लड़के की निगाह का उलट फेर का सिलसिला लड़की के साथ निभाये जा रहे हर रस्म तक चलता रहा. लेकिन जब बात सिंदूर देने की आयी तो बस्ती के अन्य महिलाओं के बीच यह चर्चा शुरू हो गयी कि लड़का की आंख कमजोर है या फिर लड़का अंधा तो नहीं. चर्चा का यह शोर लड़की की मां तक पहुंचा. उसने अपने पति रंजीत महतो व लड़की के मामा नेतीचंद महतो को बताया.
कुछ दिनों पहले ही हुआ था रिश्ता पक्का : महाशिवरात्रि के दिन कुरसेला के लड़के मंटू महतो को उसके नाना के घर दियारी मजगामा में लड़के वाले के शादी के प्रस्ताव दिये जाने के बाद देखने के लिए रंजीत व उसका साला नेतीचंद महतो पहुंचा. लड़का को देखा व पूछताछ किया तो सब कुछ ठिक लगा. बात तय हुई और शादी का दिन भी आनन फानन में लड़के वालों ने तय कर दिया.
कहते हैं लड़की के अभिभावक : अपनी बेटी के लिए एक जवाबदेह पिता की भूमिका निभाने वाले रंजीत महतो, मामा नेतीचंद महतो व पिंकी की मां ने बताया कि वे जब लड़का देखने गये तो लड़का ठीक था.
लेकिन जो लड़का रविवार की रात दूल्हा बन कर पहुंचा था वह कोई और था. जानबूझ कर बेटी को अंधे लड़के के हाथ कैसे सौंप देते. उन्होंने बताया कि इस समाज में कुछ लोगों के पास यह सवाल जरूर है कि मंडप से लड़का लोट गया. तो तेरी बिटिया से कौन ब्याह रचायेगा. तो उन्होंने कहा कि घर में बेटा बना कर रख लेंगे.
कस्टम ने ट्रेन में छापेमारी कर जब्त किये 48 हजार के फेयर एंड लवली
फारबिसगंज. फारबिसगंज कस्टम सहायक आयुक्त एलडी भुटिया के निर्देश पर गुप्त सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर एलके पाठक के नेतृत्व में कस्टम अधिकारियों ने फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर जोगबनी से कटिहार जा रही यात्री ट्रेन में छापामारी कर छह हजार पाउच फेयर एंड लवली का पाउच बरामद करने में सफलता प्राप्त की है.
बरामद फेयर एंड लवली की अनुमानित कीमत लगभग 48 हजार बताया गया. यह उत्पाद मेड इन नेपाल बताया जाता है. इस मामले में कस्टम इंस्पेक्टर ने बताया कि यह उत्पाद नेपाल से तस्करी कर भारतीय सीमा के विभिन्न बाजार में ले जाया जा रहा था. हालांकि सामान का ना तो किसी ने दावा किया और ना ही कोई गिरफ्तार हुआ. छापेमारी अभियान में अधीक्षक लाल मोहन, सिपाही दिलीप कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, किशोर राम सहित अन्य शामिल थे. इस मामले में कस्टम
िबना टॉर्च के एक कदम भी नहीं चल पा रहा था शादी करने आया दूल्हा
तीन प्रयास में भी नहीं डाल पाया सिंदूर
रात गुजरती गयी शादी का रस्म भी अपने अंतिम पड़ाव की और बढ़ रहा था. अब बारी पिंकी के मांग में सिंदूर डालने की थी. यह क्या लड़का मंटू महतो ने लड़की के आंख पर तो कभी गाल पर अर्थात तीन प्रयास में तीन स्थानों पर सिंदूर डाल दिया. लेकिन लड़का मंटू की सिंदूर लड़की पिंकी के मांग तक तीन प्रयास के बाद भी नहीं पहुंच पायी. यह वाकया देख कर पिंकी के पिता रंजीत महतो ही नहीं बल्कि शादी में शामिल होने पहुंचे सभी शराती अवाक रह गये. इस बीच लड़की के पिता ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए लड़के को मंडप से उठाया. और उसके दृष्टि दोष की पड़ताल करने लगा.
पांच सौ रुपये के नोट को एक सौ रुपये तो सौ के नोट को कागज का टुकड़ा बताने लगा. हाथ में बगैर टॉर्च के एक कदम भी नहीं चल पा रहा था. अपनी बेटी के लिए हजारों अरमान पाल रखे रंजीत पर तो मानों पहाड़ टूट पड़ा. लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी रंजीत को यही गम साल रहा था कि इस अंधे लड़के के साथ उसका बेटी का भविष्य क्या होगा.
लाखों रुपये गये तो गये फिर कमा लेंगे लेकिन अपनी लाडली को किसी ऐसे लड़के के हाथ में नहीं देंगे जिसके पास उसकी बिटिया को सुख की दो रोटी खाने के लिए भी सोचना पड़े. पिंकी की मां व उसके मामा ने भी शादी का विरोध कर डालना ही मुनासिब समझा. बस क्या था शादी की रस्म वहीं पर रुक गयी. लड़का को मंडप से उठा दिया गया. बरात को खाना खिला कर विदा कर दिया गया.

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