दादी की उम्र की महिला से दुष्कर्म

तीनों आरोपी िगरफ्तार दो आरोपी सहोदर भाई है ग्रामीणों में आक्रोश, आरोपियों को फांसी देने की मांग की प्रशासनिक अधिकारियों ने दिया स्पीडी ट्रायल चलाने का आश्वासन अररिया : घटना हृदय विदारक थी. बीमार पति सदमे से टूट चुका था. अविवाहित पुत्री मां के शव के पास खामोश बैठी सुबक रही थी, तो नौवीं वर्ग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 6:25 AM

तीनों आरोपी िगरफ्तार

दो आरोपी सहोदर भाई है
ग्रामीणों में आक्रोश, आरोपियों को फांसी देने की मांग की
प्रशासनिक अधिकारियों ने दिया स्पीडी ट्रायल चलाने का आश्वासन
अररिया : घटना हृदय विदारक थी. बीमार पति सदमे से टूट चुका था. अविवाहित पुत्री मां के शव के पास खामोश बैठी सुबक रही थी, तो नौवीं वर्ग में पढ़ने वाला इकलौता पुत्र की आंखों में मां के खोने का गम था. इसके साथ उसकी सूर्ख आंखें कुछ अलग बात बिन बोले बयां कर रही थी. ब्याही दोनों बहनें जब पहुंची, तो दहाड़ मार कर रोती शव से लिपट कर बेहोश हो गयी. दोनों को लोग स्थानीय चिकित्सक के पास ले गये. गरीब परिवार का गुजारा करने वाली फेकनी देवी सदा के लिए सो चुकी थी. पति कहता है कि जब से मैं बीमार पड़ा हूं. तब से वह ही घर संभालती थी.
मजदूरी से लेकर गाय-गोबर सब काम करती थी. अब यह कौन देखेगा… और फफक कर रो पड़ता था. इधर गिरफ्तार दरिंदा अयूब उर्फ सिंटू ने जो कुछ पुलिस को बताया. वह मानवता को शर्मसार करने वाला था. दरअसल, दादी के उम्र की महिला के साथ उसने भी दुष्कर्म की बात स्वीकार की. वहीं गिरफ्तार शमीम व अफजर दोनों सगे भाई ने मिल कर घटना को अंजाम दिया. घटनाक्रम को जान कर लोगों के रोंगटे खड़े हो गये. राह चलती महिला को खींच कर मक्का खेत ले जाने वाला. दोनों सहोदर भाई था. सिंटू को पहरेदारी में रखा. फिर सिंटू ने भी दुष्कर्म किया. हैवानियत का काला इतिहास गांव चिकनी में लिखा दिया गिरफ्तार तीनों दरिंदा को. महज आधा किलोमीटर के अंतर पर रहने वाली दादी-चाची की उम्र की महिला के साथ किया गया हैवानियत. इसको ले उत्तेजना-अफसोस व आक्रोश के साथ लोग कह उठते कि यह काम कोई इनसान तो सोच भी नहीं सकता.
… इज्जत लूटे वाला कैय फांसी मिले : घटना को ले महिलाओं में ज्यादा आक्रोश था. शव देखने के बाद महिलाएं आक्रोशित होकर कह उठती कि करै छै यहां पुलिस. ओकरा सब के पकड़ … जे सब ऐना काम कैलकैय. बहन, बेटी के इज्जत लूटे वाला कै फांसी अभी द. इस बीच रोदन-क्रंदन की आवाज. जब तक नीतीश बाबू नै एैतेय. तब तक लाश नैय उठतैय… ऐसे ऐसे अल्फाज जुवां पर जिसे शब्द देना नामुमकिन है.

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