अग्निपीड़ितों का रो-रो कर है बुरा हाल

अग्निपीड़ितों का रो-रो कर है बुरा हाल कुर्साकांटा. अग्निकांड पीड़ित मसोमात रजिया देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. वह रो-रो कर कहती है हौ बाबू केना के जीबै हो, भगवान इ की कै देलकै, पति की मृत्यु के बाद मजदूरी कर तिनका-तिनका जोड़ कर किसी तरह एक बेटा, एक बेटी का पालन-पोषण कर घर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

अग्निपीड़ितों का रो-रो कर है बुरा हाल कुर्साकांटा. अग्निकांड पीड़ित मसोमात रजिया देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. वह रो-रो कर कहती है हौ बाबू केना के जीबै हो, भगवान इ की कै देलकै, पति की मृत्यु के बाद मजदूरी कर तिनका-तिनका जोड़ कर किसी तरह एक बेटा, एक बेटी का पालन-पोषण कर घर बनायी थी. वह भी जल गया. वहीं मसोमात रजिया का 18 वर्षीय पुत्र जयचंद महतो ने आग बुझाने में हाथ व पैर जल गया है. पीड़ित विकलांग उदन महतो दोनों पैर से विकलांग है. बेटा पंजाब में मजदूरी करता है मां वर्षों से बीमार है. बेटा बुधवार को ही मां का इलाज करने के लिए 20 हजार रुपये भेजा था. वह भी जल कर राख हो गया. अग्निपीड़ितों ने बताया कि एसएसबी 56 वीं बटालियन के लैलोखर बीओपी प्रभारी अंकित कुमार व जवान सूचना पाते ही पहुंचे व ग्रामीण के सहयोग से आग पर नियंत्रण पाया जा सका.

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