किशनगंज होकर बिहार की सीमा में आते हैं ट्रक
बालू में शुरू हुई शराब की तस्करी!
शराबबंदी के बाद शराबियों व शराब का धंधा करने वालों ने नयी तरकीब निकाल ली है. अब ट्रकों में बालू के नीचे शराब की बोतल छुपा कर तस्करी की जा रही है. पूर्ण शराब बंदी के बाद भी शराब के अवैध कारोबारियों ने अब अलग रास्ता अख्तियार कर लिया है. जहां प्रशासन को शक न हो और धंधा आराम से चलता रहे. अवैध कारोबारी अब बालू से भरे ट्रकों को अपना साधन बना धड़ल्ले से बंगाल निर्मित सेवेंटी शराब व विदेशी की आपूर्ति करने के जुगत में लग गये है.
प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक किशनगंज और गलगलिया होकर बिहार की सीमा पर प्रवेश करता है. अधिकांश बालू लदे ट्रकों पर बंगाल निर्मित सेंवटी और विदेशी शराब की खेप लायी जाती है. सूत्रों की मानें तो सिलीगुड़ी चिप्स व असम के कोयला के ट्रकों पर लदे सामान के बीच रख कर दारू की खेप लायी जा रही है. इसके अलावा ट्रक के चालक भी कम मात्रा में शराब लाकर स्थानीय शराबियों से ज्यादा मुनाफा कमा कर मालामाल हो रहे हैं.
नये तरकीब निकाल रहे शराब विक्रेता, बालू के ट्रक में पहुंच रही शराब
शराब की तस्करी को रोकना पुलिस के लिए चुनौती
ज्यादा कीमत पर मिल रही है शराब
अररिया : इंडो-नेपाल सीमा क्षेत्र में शराब की अच्छी खपत सदा से रही है. मद्य निषेध लागू होने के बाद शराब के आदी लोगों ने नया नुस्खा ढूंढ़ निकाला है. इंडो-नेपाल का बेटी-रोटी का संबंध रहा है. अब लोग इसी का सहारा लेकर अपने संबंधियों के जरिये से नेपाली शराब मंगा रहे है. सूत्रों की माने तो जिनकी ससुराल नेपाल के गांवों में है या फिर दूर के रिश्तेदार को फरमाइश कर रहे है. इसलिए सीमावर्ती क्षेत्र में आराम से शराब मिल जाती है.
शराब के लिए अब लोगों ने अपने रिश्तेदार को जरिया बना डाला है. इतना ही नहीं आदतन शराबी गला तर करने के लिए नेपाल के बीयर बार या फिर लाइन होटल का रूख कर रहे है. शराब के आदी लोग अब नेपाल जाकर शराब का आनंद उठाने लगे हैं. भारत नेपाल सीमा से लगे नेपाली क्षेत्र में शराब की दुकानें अब भारतीय शराबियों से गुलजार हैं. खुली सीमा का फायदा उठाकर पियक्कड़ आते-जाते है. खुली सीमा होने से दोनों देशों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है.
बंगाल के लाइन होटल गुलजार : जिला मुख्यालय से इन दिनों रोजाना सैकड़ों लोग किसी न किसी बहाने से बंगाल का रुख कर रहे हैं. शराब के शौकीन लोगों के वहां पहुंचने से लाइन होटल इन दिनों गुलजार हैं. लोग बताते हैं कि शराब पीने के बाद वापस लोग बिहार आ जाते हैं.
ज्ञात हो कि जिन लोगों को नेपाल जाने में परेशानी हो रही है, वे सीधे बाबाधाम के नाम पर देवघर व अन्य जिलों का रुख कर रहे हैं.