दो माह में 26 जगहों पर लगी आग

कैसे हो बचाव . अगलगी की घटनाओं से बचाव की नहीं है पुख्ता व्यवस्था चैत-बैसाख के महीने में अमूमन तेज पछिया हवा चलती है. इस माह को लोग काल बैसाखी भी कहते हैं. हर वर्ष इस मौसम में अगलगी की घटनाएं लोगों को तबाह कर देती है. लेिकन इस से बचाव की पुख्ता व्यवस्था नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2016 1:54 AM

कैसे हो बचाव . अगलगी की घटनाओं से बचाव की नहीं है पुख्ता व्यवस्था

चैत-बैसाख के महीने में अमूमन तेज पछिया हवा चलती है. इस माह को लोग काल बैसाखी भी कहते हैं. हर वर्ष इस मौसम में अगलगी की घटनाएं लोगों को तबाह कर देती है. लेिकन इस से बचाव की पुख्ता व्यवस्था नहीं हो पायी है. एक तरफ लोगों को जान-माल का नुकसान होता है, तो दूसरी तरफ पीड़ितों की मदद के लिए सरकारी खजाना खाली होता है.
अररिया : तेज पछिया हवा का झोंका अमूमन चैत-वैशाख माह में शुरू होता है. गांव के लोग इसे काल बैसाखी तक कह कर पुकारते हैं. इस मौसम में हर वर्ष अगलगी की घटनाएं इस जिले के लोगों को तबाह कर डालती है. इसके साथ ही आवासीय योजनाओं के सच्चाई को भी उजागर करती है. जिले की आबादी में इजाफा हुआ.
लेकिन इस अगलगी की घटनाओं से बचाव को ले मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पायी है. आग बुझाने वाला अग्नि शमन विभाग मानों खुद खानाबदोश हो. ऐसे में काल बैसाखी जब तेवर आ जाये, तो सैकड़ों-सैकड़ों घर जलना आसान सा हो जाता है. जरा आंकड़ों पर गौर करें, तो पता चल जायेगा कि हर तीसरे-चौथे दिन जिले में कहीं न कहीं अगलगी की घटनाएं घटित होती है.
फिर देय सरकारी सहायता का दौर. कहीं-कहीं अग्निशमन कर्मियों को आक्रोशित लोगों का कोपभाजन का शिकार भी बनना पड़ता है. दमकल को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास भी किया जाता है. जानकारी अनुसार मार्च व अप्रैल माह में अब तक लगभग 30 गांव में आग लगी, जिसमें अग्निपीड़ितों की करोड़ों की संपत्ति राख हुई. फिर उन पीड़ितों को सहायता देने में सरकारी खजाना भी खाली हुआ. यह हाल कमोबेश हर साल होता रहता है. इसके निदान-बचाव को ले मुकम्मल व्यवस्था अब तक नहीं हो पायी.
घटनाक्रम एक नजर में
पांच मार्च रमरैय (जोकीहाट ) 10 हजार की क्षति
सात मार्च किसनपुर (जोकीहाट ) तीन लाख की क्षति
सात मार्च मटियारी (जोकीहाट ) नौ लाख की क्षति
14 मार्च हाई स्कूल (जोकीहाट) 25 हजार की क्षति
16 मार्च रामपुर मोहनपुर- 50 लाख की क्षति
20 मार्च धापी ( जोकीहाट )- 70 लाख की क्षति
16 मार्च अररिया आरएस – एक लाख की क्षति
आठ मार्च अररिया बस्ती- 50 लाख की क्षति
18 मार्च दो ट्रक भिड़े, जला- एक करोड़ का नुकसान
दो अप्रैल बारा कामत, हडि़याबारा- 15 हजार की क्षति
तीन अप्रैल सतबीटा (जोकीहाट- पांच लाख की क्षति
आठ अप्रैल सुर्या पुर- 10 लाख की क्षति
नौ अप्रैल बुधेश्वरी- पांच लाख की क्षति
नौ अप्रैल रामपुर-मोहनपुर- एक करोड़ से अधिक की क्षति
11 अप्रैल अररिया आरएस- तीन लाख की क्षति
12 अप्रैल बोची – करोड़ों की संपत्ति खाक
12 अप्रैल चैनपुर (जोकीहाट ) 20 लाख की क्षति
22 अप्रैल बंगाली टोला रानीगंज- 25 हजार की क्षति
24 अप्रैल मटियारी(जोकीहाट )- एक करोड़ की क्षति
24अप्रैल फरसाडांगी (जोकीहाट )- एक करोड़ की क्षति
25 अप्रैल खमगड़ा मंडल टोला- नौ लाख की क्षति
25 अप्रैल डुमरिया (बिस्टोरिया)- रानीगंज- 22 लाख की क्षति
कहां-कहां लगी आग
जिला अग्नि शमन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अब तक 26 गांव में आग बुझाने के लिए दमकल को भेजना पड़ा. इस क्रम में करोड़ों की संपत्ति जल कर राख हुई. लोग परेशान हुए. तीन मार्च 16 को शहर के एक प्लाउड फैक्टरी में लगी आग. तीन करोड़ से ज्यादा का नुकसान का आकलन किया गया.
कहते हैं अग्निशमन कर्मी
अग्नि शमन कर्मी विनोद कुमार विश्वास ने बताया कि आग लगने की सूचना पर जब दमकल जाती है. तो अमूमन ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है. फिर जब दमकल का पानी खत्म हो जाता है तो पानी भरने की परेशानी होती है. देर होने पर लोग कर्मियों से उलझ पड़ते हैं. पानी भरने के लिए पीएचइडी परिसर आता पड़ता है.
इस मौसम में ग्रामीणों क्षेत्रों के पोखर में भी पानी कम हो जाती है. वाटर सप्लाइ के क्रम में हाई डेंट नहीं लगने से पानी भरने की परेशानी भी होती है. उन्होंने कहा सर्वाधिक चिंता सुरक्षा को लेकर होती है. इसको ले अग्नि शमन कार्यालय में फोर्स की तैनाती होनी चाहिए, जिससे दमकल के साथ वे भी साथ जाये, जिससे कर्मियों में असुरक्षा का भाव कम होगा. उन्होंने कहा उपलब्ध संसाधनों से तत्परता के साथ अग्नि शमन कर्मी हमेशा तैयार रहते हैं.
सड़क दुर्घटना में चार लोग घायल
अररिया आरएस. जिले के अलग-अलग मार्गों पर मंगलवार को हुए सड़क हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गया.
चिकित्सकों ने सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद एक व्यक्ति का गंभीर स्थिति देख बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल रेफर कर दिया. घायलों में महलगांव निवासी राहीदा खातून, बोची निवासी राम प्रसाद, जोकीहाट निवासी मो गालिफ व गैयारी निवासी जुगन साह शामिल हैं.

Next Article

Exit mobile version