आवास योजना लेखा-जोखा को दुरुस्त करने का प्रयास तेज

आवास योजना में अवैध भुगतान का मामला नप प्रशासन के रवैये को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम फारबिसगंज :पूर्व निर्मित मकान पर आवास योजना के तहत राशि अवैध तरीके से भुगतान करने का मामला प्रकाश में आने के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गरम है. इसके साथ ही मामले में परत दर परत पोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2016 6:37 AM

आवास योजना में अवैध भुगतान का मामला

नप प्रशासन के रवैये को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम
फारबिसगंज :पूर्व निर्मित मकान पर आवास योजना के तहत राशि अवैध तरीके से भुगतान करने का मामला प्रकाश में आने के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गरम है. इसके साथ ही मामले में परत दर परत पोल भी खुलने लगा है. कुछ लाभुकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अगर मामले की सही से जांच की जाय, तो वार्ड 17 के अलावा ऐसे कई वार्ड हैं, जहां इस प्रकार पूर्व से निर्मित मकान पर नप द्वारा अवैध भुगतान किया जा चुका है.
वहीं कई ऐसे लाभुक भी हैं, जिन्हें बिना किसी निर्माण के ही किश्तों में राशि का भुगतान कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो मामला प्रकाश में आने के बाद नप कार्यालय में आवास आवास भुगतान के लेखा-जोखा को दुरुस्त करने का प्रयास तेज हो गया है.
पूर्व निर्मित मकान पर क्यों हो रहा भुगतान
जानकार बताते है कि मामले में बिचौलियों का नेटवर्क बहुत तगड़ा है. सामूहिक विकास समिति एनजीओ के सचिव व पीएमयू के पदाधिकारियों से मिली भगत कर बिचौलिये ऐसे लाभुकों से मोटी रकम वसूल रहे हैं, जिनका मकान पूर्व से बना हुआ है.
तमाम नियमों को धता बता हो जाता है फर्जीवाड़ा
जानकार बताते हैं कि योजना के तहत लाभुक का नाम चयनित होने के बाद उसके नाम की फाइल बना कर स्थल का निरीक्षण किया जाता है. उक्त क्षेत्र में आम सभा आयोजित कर सामूहिक विकास समिति का गठन किया जाता है. इसके बाद संबंधित एनजीओ व पीएमयू के द्वारा तकनीकी तथा अन्य मामलों की निगरानी की जाती है. इसके बाद एसवीएस के सचिव की अनुशंसा पर लाभुक को भुगतान किया जाता है. गौरतलब है कि इन सभी प्रक्रियाओं के बीच ही भुगतान के फर्जीवाड़ा का खेल भी साथ चलता रहता है और तमाम नियमों को धता बता कर पूर्व से बने मकान पर भी अवैध रूप से भुगतान कर दिया जाता है.

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