जिला प्रशासन ने जारी की रिपोर्ट सता रहा महामारी का डर, छिड़काव नहीं

अररिया : नदियों के जलस्तर में गिरावट होने के साथ ही विस्थापित परिवार अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं. बाढ़ के कारण कई स्थानों पर छोटे-छोटे तालाब बन चुके हैं. जहां पर जल जमाव की समस्या के कारण लोगों में महामारी की समस्या का खतरा उत्पन्न होने का डर सता रहा है. वार्ड संख्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2016 5:53 AM

अररिया : नदियों के जलस्तर में गिरावट होने के साथ ही विस्थापित परिवार अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं. बाढ़ के कारण कई स्थानों पर छोटे-छोटे तालाब बन चुके हैं. जहां पर जल जमाव की समस्या के कारण लोगों में महामारी की समस्या का खतरा उत्पन्न होने का डर सता रहा है. वार्ड संख्या 11 डम्हैली, वार्ड संख्या 20, वार्ड संख्या 28, 18, 29 की स्थिति भयावह है. जल स्तर में गिरावट के बाद इन स्थानों पर तीव्र गंध पैदा हो रहा है.

नगर परिषद को अब लोगों के ऐसे आवेदन भी मिलने लगे हैं जहां पर कुत्ता आदि जानवर के मरने के कारण दुर्गंध फैल रहा है. जिससे लोगों का रहना दुश्वार हो गया है. हालांकि नगर परिषद उन्हें हटाने के लिए तत्काल कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर रहा है. लेकिन समय रहते स्वास्थ्य विभाग सतर्क नहीं हुआ तो ये समस्या महामारी का रूप ले सकता है. अब तक स्वास्थ्य विभाग या नगर परिषद द्वारा किसी भी स्थान पर चूना या ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव नहीं किया जा सका है.

कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने बताया कि नप क्षेत्र में लोगों के बीच बाढ़ के कारण कोई संक्रामक बिमारी नहीं फैले इसके लिए नगर परिषद तटस्थ है. उन्होंने बताया कि 30 क्विंटल चूना व 15 क्विंटल ब्लीचिंग पावडर की खरीद की गयी है. इसे प्रभावित क्षेत्रों में छीटा जायेगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा फाॅगिंग किये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है.

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