घटना को लेकर अलग थी प्रखंड कार्यालय की स्थिति

अपने काम से लोग तो पहुंचे, अधिकारी व कर्मी कार्यालय से दिखे नदारद तालाबंदी की वजह से आम लोगों को उठानी पड़ी परेशानी अररिया : जिलास्तरीय एक अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि के पति के बीच हुई हाथापाई की घटना के बाद बुधवार को प्रखंड कार्यालय का नजारा बिल्कुल अलग था. आमतौर पर समय पर कार्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 4:55 AM

अपने काम से लोग तो पहुंचे, अधिकारी व कर्मी कार्यालय से दिखे नदारद

तालाबंदी की वजह से आम लोगों को उठानी पड़ी परेशानी
अररिया : जिलास्तरीय एक अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि के पति के बीच हुई हाथापाई की घटना के बाद बुधवार को प्रखंड कार्यालय का नजारा बिल्कुल अलग था. आमतौर पर समय पर कार्यालय पहुंचने वाले प्रखंड स्तरीय अधिकारी घंटों तक कार्यालय से नदारद थे. हालांकि अपने काम से लोग प्रखंड कार्यालय जरूर पहुंचने लगे थे. हाथापाई की घटना को लेकर चारों तरफ चर्चा का बाजार गरम था. कार्यालय खुलने के बाद से ही प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से एक के बाद एक जन प्रतिनिधियों के प्रखंड कार्यालय पहुंचने का सिलसिला आरंभ हो चुका था.
सुबह ग्यारह बजे तक बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि प्रखंड के मुख्य द्वार पर जमा हो चुके थे. प्रतिनिधियों के जुटते ही घटना को लेकर विरोध का सिलसिला आरंभ हो गया. प्रतिनिधियों ने प्रखंड प्रशासन, जिला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते हुए. बीडीओ व सीओ के कार्यालय कक्ष सहित आरटीपीएस काउंटर व अन्य कार्यालय में तालाबंदी कर दी. प्रतिनिधियों के आक्रोश को देख कर वहां मौजूद प्रखंड कर्मी किसी तरह कार्यालय से बाहर निकल गये. प्रदर्शन कर रहे प्रतिनिधि अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे जनप्रतिनिधि का अपमान नहीं सहेंगे सहित दोषी अधिकारी के तबादले व उनके खिलाफ उचित प्रशासनिक कार्रवाई की मांग करते हुए प्रखंड के मुख्य गेट पर धरना पर बैठ गये. धरना को संबोधित करते हुए जन प्रतिनिधियों ने घटना पर अपनी तल्ख प्रतिक्रिया जतायी. इधर रोज की तरह अपने काम से प्रखंड मुख्यालय पहुंचे सैकड़ों लोगों को बैरंग वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा. अपने काम से प्रखंड कार्यालय पहुंचे रामपुर पश्चिमी के मो तनवीर, स्कूली छात्र शबनम, मिनहाज सहित अन्य ने बताया कि वे जाति व आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन जमा करने के स्कूल छोड़ कर प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे. यहां कार्यालय में ताला लगा मिला. बिना काम के ही वापस लौट रहे छात्रों के चेहरे पर मायूसी थी.
बाढ़ राहत की पड़ताल के क्रम में प्रखंड मुख्यालय पहुंचे हयातपुर के 65 वर्षीय बुजुर्ग मो दानिश भी कार्यालय में तालाबंदी पर अपनी निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी ही आपस में लड़ रहे हैं. इससे भला उनका क्या नुकसान, आखिरकार इसका खामियाजा भी तो आम लोगों को ही उठाना पड़ रहा है.

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