गोल्डन रूट बना अररिया-किशनगंज एनएच

कोल माफिया व इंट्री माफिया की मिलीभगत से चल रहा कोयले में टैक्स चोरी का गोरखधंधा जिले के भट्टा संचालकों को मनमाने दाम पर बेचा जाता है कोयला बिल में पांच हजार का दर जबकि ईंट भट्टा को इससे दोगुनी कीमत पर होती है आपूर्ति पकड़े जाने पर बिल में अंकित मूल्य पर करते हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 4:59 AM

कोल माफिया व इंट्री माफिया की मिलीभगत से चल रहा कोयले में टैक्स चोरी का गोरखधंधा

जिले के भट्टा संचालकों को मनमाने दाम पर बेचा जाता है कोयला
बिल में पांच हजार का दर जबकि ईंट भट्टा को इससे दोगुनी कीमत पर होती है आपूर्ति
पकड़े जाने पर बिल में अंकित मूल्य पर करते हैं कर की अदायगी
अररिया : असम के गुवाहाटी से किशनगंज होते हुए अररिया पहुंचे 11 कोयला लदे ट्रक को सेलटैक्स विभाग ने जब्त किया है. सबों पर सुविधा कर की चोरी का आरोप लगाते हुए इनसे कर की राशि वसूलने की प्रक्रिया चल रही है. इससे इतर यह बात भी है कि सुविधा कर की चोरी करने की मंशा रखने वाले कोल माफिया द्वारा यह पहला प्रयास तो नहीं होगा. इससे पहले भी जिले में कोल माफिया व इंट्री माफियों की मदद से चोरी छिपे या पदाधिकारियों की मिली भगत से असम से आ रहे कोयला को सीमावर्ती जिलों में खपाने का काम किया जाता रहा है.
जिले में वैध या अवैध रूप से संचालित लगभग तीन सौ की संख्या में अवस्थित ईंट भट्टा ऐसे कोयला को खपाने का सबसे बड़ा बाजार है. जहां ईंट भट्टा संचालक भी मजबूरी में कोल माफियाओं को मनमाना दर देने को विवश हैं. ईंट भट्टा के एक पुराने संचालक से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर से अप्रैल के बीच में ईंट तैयार किया जाता है. इसमें एक ईंट चिमनी में 110 टन प्रतिमाह कोयला की खपत होती है. इसके अनुसार प्रति माह 30 हजार टन से अधिक कोयला की खपत जिले में होती है
ईंट भट्टा संचालक की माने तो जो कोयला उन तक पहुंचता है. उसका दो बिल बनता है एक बिल जो पुलिस व सेलटैक्स विभाग के कर्मियों को दिखाने के लिए बनाया जाता है. उसमें कोयला का मूल्य पांच से सात हजार रुपये प्रति टन दर्शाया जाता है. जबकि भट्टा संचालकों से कोयला का प्रति टन मूल्य दस से 12 हजार रुपये लिया जाता है. इससे एक बात तो स्पष्ट है कि भारत सरकार को प्रति माह कोल माफिया द्वारा लाखों रुपये के टैक्स की चोरी कर चूना लगाया जा रहा है.
सेल टेक्स विभाग द्वारा जब्त कोयला लदा ट्रक.
किशनगंज में क्यों नहीं हुई कार्रवाई
यह एक बड़ा सवाल है कि ये सभी ट्रक जब बिहार सीमा में किशनगंज के रास्ते प्रवेश कर रहे थे तो वहां के पुलिस या सेलटैक्स विभाग द्वारा क्यों नहीं इन कोयला से भरा ट्रक को रोका गया. जबकि अररिया नगर थाना पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए सरकार को कोल माफिया द्वारा लगाये जा रहे टैक्स चोरी के इस गोरखधंधा को उजागर करने में सफलता हासिल की. इधर लोगों की मानें तो बिहार सीमा में प्रवेश करने से पहले किशनगंज पुलिस या सेलटैक्स विभाग की टीम कहां थी, जिन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं हुई. हालात बता रहे हैं कि टैक्स चोरी के इस धंधे में कोल माफिया व इंट्री माफिया के पहुंच विभाग के ऊंचे ओहदेदारों तक हैं.
इनके आशीर्वाद से टैक्स चोरी का काम बदस्तूर जारी है. साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि अन्य सामग्रियों की तस्करी के अलावा कोल माफियाओं के लिए भी किशनगंज अररिया रूट गोल्डेन रूट साबित हो रहा है. इधर दो दिनों के बाद मंगलवार को भी फारबिसगंज वाणिज्य कर विभाग द्वारा जब्त किये गये सभी ट्रकों से सुविधा कर की वसूली नहीं की जा सकी थी. इस कारण मंगलवार को भी ट्रक चालक जब्त किये गये स्थल पर ही लगे थे.
कहते हैं वाणिज्य कर उपायुक्त
सभी 11 ट्रक में लदे कोयला का वैल्यू निकाल कर उनसे सेल टैक्स के प्रावधानों के अनुसार सुविधा की वसूल की प्रक्रिया जारी है.
विश्वनाथ महतो, वाणिज्य कर उपायुक्त

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