मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने में विभाग लक्ष्य से पीछे

राष्ट्रीय मृदा दिवस पर 12 हजार से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड का होगा वितरण जिले में दो साल पूर्व आरंभ की गयी थी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना अररिया : जिले में प्रचलित फसल उत्पादन की विधियों में रासायनिक खादों के उपयोग का बढ़ता चलन कृषि विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2016 6:46 AM

राष्ट्रीय मृदा दिवस पर 12 हजार से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड का होगा वितरण

जिले में दो साल पूर्व आरंभ की गयी थी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
अररिया : जिले में प्रचलित फसल उत्पादन की विधियों में रासायनिक खादों के उपयोग का बढ़ता चलन कृषि विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. बेहतर फसल उत्पादन के लिए खेतों में रासायनिक खादों का बहुलता से प्रयोग मिट्टी की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ने लगा है. दरअसल रासायनिक खादों का अनियंत्रित प्रयोग से जहां किसानों के उत्पादन लागत काफी बढ़ जाता है. तो दूसरी तरफ इन खाद के उपयोग से मिट्टी की सेहत भी प्रभावित होती है. मिट्टी की सेहत पर पड़ने वाले इसी दूरगामी नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का संचालन जिले में विगत दो वर्षों से किया जा रहा है.
कृषि विभाग द्वारा संचालित योजना के संबंध में विभाग के सहायक निदेशक रासायन सतीश कुमार कहते हैं कि इसके तहत जिले के जोत की हर एक भूमि के लिए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाना है, ताकि खेतों में उपयोगिता के आधार पर रासायनिक खाद के उपयोग के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रासायनिक उर्वरकों पर होने वाले फिजुल खर्च से बचाया जा सके. साथ ही खेती के प्रचलित तौर तरीकों में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके.
अब तक 98 हजार किसानों को दिया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड : जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला में उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि योजना के पहले वर्ष में कुल 91 हजार 850 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा सका. इसके इतर चालू वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 6158 स्वास्थ्य कार्ड विभाग द्वारा जारी किये गये हैं. आंकड़ों के लिहाज से किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के मामले में विभाग अब तक फिसड्डी ही रहा है. ऐसा इसलिए कि योजना के पहले वर्ष में नमूना संग्रहण का वित्तीय लक्ष्य 14 हजार 415 था. इस आधार पर कुल एक लाख 44 हजार 150 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाना था.
इसी तरह चालू वित्तीय वर्ष में मिट्टी नमूना संग्रहण के निर्धारित लक्ष्य 24 हजार 95 के आधार पर कुल दो लाख 40 हजार 950 किसानों को स्वास्थ्य कार्ड जारी किये जाने थे. जानकारी मुताबिक योजना के पहले वर्ष में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 13 हजार 898 मिट्टी नमूना का संग्रह किया गया. कृषि विभाग द्वारा विश्लेषित 88 सौ 98 नमूनों की जांच के बाद इसका वितरण कर दिया गया. शेष मिट्टी नमूनों की जांच के लिए केवीके को सौंप दिया गया.
केवीके को प्राप्त पांच हजार नमूनाें में अब तक महज दो सौ 87 नमूना का विश्लेषण ही हो सका और कुल 28 सौ 70 कार्ड जारी किये गये. इसी तरह चालू वित्तीय वर्ष के नमूना संग्रहण के निर्धारित लक्ष्य 24 हजार 95 की तुलना में अब तक 43 सौ 17 नमूना संग्रह किये गये. इसमें प्रयोगशाला को जांच के लिए महज 2019 नमूने प्राप्त हुए.
जानकारी मुताबिक बीते पांच सितंबर तक 61 सौ 58 स्वास्थ्य कार्ड ही जारी किया जा सका. विभागीय अधिकारियों की मानें तो आगामी पांच दिसंबर को राष्ट्रीय मृदा दिवस के मौके पर विभाग बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कार्ड के वितरण को तैयार है. मृदा दिवस पर तकरीबन 12 हजार 33 कार्ड वितरण की बातें सामने आ रही है.
मृदा जांच के लिए ग्रिड में बांटी गयी जोत भूमि
जोत की सभी भूमि के मिट्टी जांच के लिए सिंचित क्षेत्रों में ढाई हेक्टेयर भूभाग को एक ग्रिड माना गया. इसी तरह असिंचित क्षेत्रों में दस हेक्टेयर भूमि को एक ग्रिड मान कर मिट्टी नमूना संग्रहण का कार्य जिले में अप्रैल 2015 से आरंभ हुआ. जानकारी के मुताबिक ढ़ाई हेक्टेयर के एक ग्रिड में कम से कम दस किसानों के जोत को औसत माना लिया गया. योजना के मुताबिक कृषि विभाग के समन्वयकों को ग्रामीण इलाकों से मिट्टी नमूना संग्रहण की जिम्मेदारी सौंपी गयी.
ताकि जिला कृषि कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला को जांच के लिए नमूना उपलब्ध कराया जा सके. योजना के पहले वर्ष में 2015-16 में जिले के 218 पंचायतों से कुल 14 हजार 415 नमूना संग्रह का लक्ष्य विभाग को हासिल हुआ. जबकि योजना के दूसरे वर्ष 2016-17 में 24 हजार 95 नमूना के संग्रहण का लक्ष्य जिला कृषि विभाग को प्राप्त है.
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