पीएचइडी का क्लर्क पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ाया
अररिया:बिहारमें लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अररिया प्रमंडलीय कार्यालय में कार्यरत एक निम्न वर्गीय क्लर्क को पांच हजार रुपये घूस लेते निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने शनिवार को रंगेहाथ पकड़ लिया. गिरफ्तार क्लर्क को निगरानी टीम अपने साथ पटना ले गयी. यह कार्रवाई शनिवार को लगभग 11 बजे दिन में की गयी है. आरोपित […]
अररिया:बिहारमें लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अररिया प्रमंडलीय कार्यालय में कार्यरत एक निम्न वर्गीय क्लर्क को पांच हजार रुपये घूस लेते निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने शनिवार को रंगेहाथ पकड़ लिया. गिरफ्तार क्लर्क को निगरानी टीम अपने साथ पटना ले गयी. यह कार्रवाई शनिवार को लगभग 11 बजे दिन में की गयी है. आरोपित क्लर्क की गिरफ्तारी कार्यालय से की गयी है.
जानकारी अनुसार नलकूप प्रमंडल फारबिसगंज में कार्यरत खलासी गणेश प्रसाद चौधरी का निधन वर्ष 2015 में हुआ था. मृतक सुपौल जिला के बलभद्रपुर गांव का रहने वाला था. मृतक के पुत्र जीवन कुमार चौधरी पिता की मौत के बाद सेवांत लाभ निकालने के लिए प्रयासरत था, जिसमें विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त की मांग की गयी थी. हालांकि अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने को लेकर विभागीय निर्देश भी पीएचइडी कार्यालय को मिला था.
कार्यालय में कार्यरत क्लर्क अलदीप कुमार अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के एवज में दस हजार की रिश्वत की मांग कर रहा था. लंबे समय से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कराने को लेकर मृतक का पुत्र कार्यालय का चक्कर लगा कर परेशान हो चुका था. लेकिन कार्यालय के क्लर्क इसके लिये दस हजार रुपये लेने के बाद ही अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की जिद पर अड़ा था. लाचार होकर मृतक के पुत्र जीवन कुमार चौधरी ने इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना में दर्ज करायी.
ब्यूरो द्वारा पहले तो मामले का सत्यापन कराया गया. जब मामला सही पाया तो फिर अन्वेषण विभाग ने 14 सदस्यीय टीम का गठन कर रणनीति तैयार की. इसके बाद टीम के सदस्य शनिवार को अररिया पीएचइडी कार्यालय पहुंचे व आवेदक को पांच हजार रुपये देकर क्लर्क के पास जाने का निर्देश दिया. निर्देशानुसार श्री चौधरी दिये गये रुपये को लेकर क्लर्क के पास पहुंचा व कहा कि अभी तो दस हजार रुपये का जुगाड़ नहीं हो पाया है. फिलहाल पांच हजार रुपये लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का अनुरोध किया.
क्लर्क ने जैसे ही पांच हजार रुपये लिया, मौके पर मौजूद अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने क्लर्क को रुपये के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया. टीम का नेतृत्व कर रहे अन्वेषण ब्यूरो के डीएसपी मो जमीरउद्दीन ने बताया कि टीम में डीएसपी महेश कुमार, पुलिस निरीक्षक बिनोद प्रसाद पांडे, पुलिस निरीक्षक ईश्वर प्रसाद के अलावा दस सदस्य शामिल हैं. गिरफ्तार क्लर्क को पटना ले जाया जा रहा है. बहरहाल, निगरानी टीम की इस कार्रवाई से पीएचइडी विभाग में हड़कंप है.
जिले के तीन सरकारी कर्मी अब तक चढ़ चुके हैं निगरानी विभाग के हत्थे
अररिया. भष्ट्राचार पर लगाम लगाने के लिए एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी नोट बंदी की एलान कर इस पर रोक लगाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकारी तंत्र अभी भी रिश्वत ले कर भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. भ्रष्ट्राचार भी ऐसा कि अपने विभाग को सेवा देते हुये एक कर्मी की मौत हो जाती है. लेकिन सेवांत लाभ के लिए मृतक के परिजनों से विभाग के कर्मियों द्वारा ही रिश्वत की उगाही कर उसे पीड़ा देने का प्रयास किया जाता है. ऐसे मामलों में अगर लोग जागरुक होते हैं और साहसिक कदम उठाते हैं तब जाकर रिश्वतखोरों पर प्राशसनिक कार्रवाई हो पाती है.
जिले में अब तक तीन रिश्वतखोर कर्मियों पर निगरानी अन्वेषन ब्युरो की कार्रवाई को अमली जामा पहनाया जा सका है. हालांकि कुछ सत्पाह पूर्व पूर्णिया में पदास्थापित एक एमओ के पूर्णिया व फारबिसगंज स्थित आवास पर निगरानी विभाग को छापा भी पड़ा. बावजूद रिश्वतखोर कर्मी अपने आदत से बाज नहीं आ रहे हैं.
जिले में अब तक हुई निगरानी विभाग की कार्रवाई
शनिवार को पीएचइडी के कलर्क अलदीप कुमार को पांच हजार की राशि के साथ गिरफ्तार करने से पहले भी तीन कर्मियों पर निगरानी विभाग द्वारा कार्रवाई की गयी है. जिसमें वर्ष 2015 में सिकटी प्रखंड में कार्यरत मनरेगा के कनीय अभियंता रविशंकर प्रसाद को निगरानी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया था. सूचक भिड़भिड़ी निवासी सदानंद पासवान के आवेदन पर यह कार्रवाई की गयी थी. इनसे कनीय अभियंता ने मापी पुस्त भरने को लेकर राशि की मांग की थी. कनीय अभियंता को शिवपुरी वार्ड संख्या नौ स्थित एक भाड़े के मकान से गिरफ्तार किया गया था. वर्ष 2007 में बरदाहा ओपी अध्यक्ष मुरारी चौधरी को भी फुलबाड़ी गांव में घुस लेते निगरानी टीम ने रंगेहाथ दबौचा था.
इसके बाद पीएचइडी के फारबिसगंज कार्यालय में कार्यरत खलाशी गणेश चौधरी के मृत्यु के पश्चात सेवांत लाभ दिये जाने के नाम पर सुपौल जिला के बलभद्रपुर निवासी पुत्र जीवन चौधरी से दस हजार की मांग करने वाले पीएचईडी के कलर्क अलदीप कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्युरो के डीएसपी महेश कुमार के 14 सदस्सीय टीम ने पांच हजार रुपये के घुस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.