विधि-व्यवस्था पर कमजोर हो रही पुलिस की पकड़
न शराब की होम डिलिवरी सिस्टम पर लगाम लग पा रहा है और न ही कुख्यात अपराधियों की हो रही है गिरफ्तारी टीम गठित है, बिना दबाव के पुलिस कर रही है काम: एसपी अररिया : न तो शराब के होम डलिवरी सिस्टम पर अंकुश लग पा रहा है और न ही दिनदहाड़े हत्या करने […]
न शराब की होम डिलिवरी सिस्टम पर लगाम लग पा रहा है और न ही कुख्यात अपराधियों की हो रही है गिरफ्तारी
टीम गठित है, बिना दबाव के पुलिस कर रही है काम: एसपी
अररिया : न तो शराब के होम डलिवरी सिस्टम पर अंकुश लग पा रहा है और न ही दिनदहाड़े हत्या करने वाला अपराधियों की गिरफ्तारी हो पा रही है. इतना ही नहीं एक पखवारा बाद भी उस शातिर को पुलिस नहीं पकड़ पायी है, जिसने एक टाइगर मोबाइल पुलिस को घायल कर दिया था. टाइगर जवान अब भी इलाजरत है. भू-विवाद को लेकर दो माले नेताओं की हत्या मामले में पुलिस ने शुरुआती दौर में जो तत्परता दिखायी उसमें अब ढीलापन दिखने लगा है. ये महज बानगी है कि पुलिस प्रशासन किस गति से काम कर रही है. दिन के उजाले में नरपतगंज के पलासी निवासी किसान अरविंद यादव की हत्या कर दी गयी.
अपराधी बेखौफ हो कर चला गया. सरगना सूरज यादव भी उसी गांव पलासी का रहने वाला है. हालत तो यह कि यूको बैंक लूट कांड के बाद तत्कालीन एसपी विजय कुमार वर्मा ने उसकी गिरफ्तारी को ले टीम गठित की थी. उनका तबादला हो गया. मगर सूरज गिरफ्तार नहीं हो पाया. अलबत्ता वह नेपाल में एक मामले में पकड़ाया. जेल में रहा. जेल से निकलने के बाद खौफनाक तरीके से अपने ही ग्रामीण किसान अरविंद यादव की हत्या कर बेखौफी का परिचय दिया. वह अब भी पकड़ से बाहर रह कर पेट्रोल पंप मालिक से रंगदारी मांग रहा है.
22 जनवरी को फारबिसगंज के प्रोफेसर कॉलोनी टोला कुढ़ैली में अपराधी खुर्शीद ने टाइगर मोबाइल को घायल कर फरार हो गया. चुस्त-दुरुस्त पुलिस अब तक उसको पकड़ नहीं पायी. वर्दी से बेखौफ अपराधी भला आम आदमी को क्या समझेगा. भरगामा के रहिड़या गांव में दो माले नेताओं के हत्या मामले में दर्ज कांड के अधिकांश नामजद अब तक पुलिस पकड़ से बाहर है. 35 नामजदों में से मात्र छह की गिरफ्तारी हो पायी है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि मामले में पुलिस शिथिलता की वजह दवाब है.
इधर एक जनवरी को जोकीहाट थाना क्षेत्र के मटियारी का प्रेम कुमार पासवान विदेशी शराब के साथ पकड़ाया. खुलासा किया कि होम डिलीवरी देने आ रहा था. जाहिर सी बात है कि बंगाल से शराब का अवैध भंडारण तो कोई कर रहा है. मामले में जेल भेजने के बाद पुलिस शिथिल हो गयी. नेपाल से शराब की रोज-ब-रोज खेप लाते पकड़ा जाना कानून का खौफ नहीं होने को बयां करता है. इस बाबत पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका कहते हैं कि अपराधियों की गिरफ्तारी को ले टीम गठित है. पुलिस अपना काम बिना किसी दवाब के कर रही है. शराब के अवैध कारोबारी गिरफ्तारी भी हो रहा है. बहरहाल पुलिस प्रशासन का दावा जो कुछ भी हो. मगर जनमानस में ऐसे सवालों को ले चर्चा होती रहती है.