मिलरों को जमा करना होगा 13.65 करोड़

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश प्रमादी मिलरों को 28 मार्च तक हर हाल में जमा करनी होगी राशि जमानतीय अवधि के अंदर राशि जमा नहीं करने वाले मिलरों के विरुद्ध की जायेगी दंडात्मक कार्रवाई अररिया : प्रमादी मिलरों को यदि अपनी जमानत बचानी है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 28 मार्च 2017 तक हर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2017 1:17 AM

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश

प्रमादी मिलरों को 28 मार्च तक हर हाल में जमा करनी होगी राशि
जमानतीय अवधि के अंदर राशि जमा नहीं करने वाले मिलरों के विरुद्ध की जायेगी दंडात्मक कार्रवाई
अररिया : प्रमादी मिलरों को यदि अपनी जमानत बचानी है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 28 मार्च 2017 तक हर हाल में उन्हें कथित गबन की राशि को बैंक गारंटी के प्रमाणपत्र के साथ एसएफसी में जमा कराना होगा. यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 फरवरी 2017 को दिये जाने की बात एसएफसी के जिला प्रबंधक बीरेंद्र नाथ गुप्ता द्वारा बताया गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैया के बाद प्रमादी मिलरों द्वारा राशि जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. लेकिन कितनी राशि जमा हुई है इस आश्य का कोई भी पत्र एसएफसी को प्राप्त नहीं हुआ है.
ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में धान अधिप्राप्ति के बाद तैयार चावल को कार्य कर रहे मिलरों द्वारा जमा करना था. लेकिन कार्य कर रहे नौ मिलरों द्वारा तत्काल तैयार चावल एसएफसी के टीपीडीएस गोदाम में जमा नहीं कराया गया. परिणामस्वरूप नौ मिलरों पर 7227.74 एमटी चावल का बकाया पाया गया, जिसकी अनुमानित राशि 22 करोड़ 78 लाख 52 हजार 953 रुपये बतायी जाती है. हालांकि इनमें से दो मिलर जय मां अंबे अररिया व शिव विजय उद्योग रामपुर चौक फारबिगंज द्वारा लगभग एक करोड़ 19 लाख 54 हजार 789 रुपये एसएफसी को जमा किये गये. इसके बाद भी अन्य सात मिलरों पर निगम द्वारा प्राथमिकी दर्ज करते हुए नीलामवाद की भी कार्रवाई की गयी. इनमें गोलछा उद्योग, अशोक ट्रडिंग चकरदाहा फारबिसगंज, जय लक्ष्मी उद्योग चकरदाहा, न्यू सरकार राईस मिल टुन्नी दिघ्घी उत्तर दिनाजपुर पयचिम बंगाल, अनिकेत मनिष राइस मिल करण दिघ्घी पश्चिम बंगाल, बाबा विश्वकर्मा राइस मिल करण दिघ्घी पश्चिम बंगाल व पूर्णिमा राईस मिल पूर्णिया शामिल हैं. इनके विरुद्ध 10035.984 एमटी चावल के रूप में विभिन्न किश्तों में जमा की गयी 09 करोड़ 32 लाख 21 हजार 973 के बाद भी 13 करोड़ 65 लाख 30 हजार 980 रुपये के चावल गबन किये जाने का मामला दर्ज है.
कहते हैं जिला प्रबंधक
इधर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश की जानकारी देते हुए एसएफसी के जिला प्रबंधक बीरेंद्रनाथ गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह आदेश दिया गया है कि प्रमादी मिलर 28 मार्च तक हर हाल में अपने बकाया राशि का बैंक गारंटी का प्रमाण पत्र राज्य खाद्य निगम के नाम जमा कराये. अन्यथा इनको दी गयी मोहलत के बाद जमानत को निरस्त करते हुए इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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