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कहीं चूहे तो नहीं पी रहे मुंगेर के थानों में रखी शराब?
जब्त सूची से बरामद शराब का हुआ मिलान तो होगा खुलासा मुंगेर : सरकार ने पांच अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी का आदेश पारित किया. जिसका 13 माह बीत चुका है. मुंगेर पुलिस ने भी ताबड़तोड़ छापेमारी की और जिले में विदेशी शराब 8169.973 लीटर, देसी शराब 1370.95 लीटर, महुआ शराब 846 लीटर […]
जब्त सूची से बरामद शराब का हुआ मिलान तो होगा खुलासा
मुंगेर : सरकार ने पांच अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी का आदेश पारित किया. जिसका 13 माह बीत चुका है. मुंगेर पुलिस ने भी ताबड़तोड़ छापेमारी की और जिले में विदेशी शराब 8169.973 लीटर, देसी शराब 1370.95 लीटर, महुआ शराब 846 लीटर एवं बीयर 107 लीटर पकड़ा.
जिसे थानों के मालखानों में सुरक्षित रखा गया. लेकिन बिहार में जब चूहों द्वारा मालखानों में रखे शराब पीने की बात सामने आयी तो पुलिस महकमा के आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया. अब सवाल यह उठता है कि मुंगेर जिले के थानों के मालखानों में बंद शराब क्या सुरक्षित है अथवा उसे भी चूहे पी रहे हैं. वैसे सरकार ने थानों में रखे शराब को नष्ट करने के संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं. मुंगेर में शराबबंदी के बाद भी शराब का कारोबार काफी फलता-फुलता रहा है. महीने में करोड़ों के शराब का कारोबार यहां हो रहा है.
इसका अंदाजा पुलिस की छापेमारी में पकड़े गये शराब, तस्कर और शराब पीने वाले के गिरफ्तारियों से लगायी जा सकती है. अबतक ढाई सौ से अधिक लोग सिर्फ शराब पीने में पकड़े गये. शराब बंदी के दूसरे महीने में यानी मई माह में ही मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव में बड़ी छापेमारी की गयी. जिसमें लगभग 20 से 22 लाख रुपये का शराब पुलिस ने पकड़ी जो उस समय बिहार की सबसे बड़ी छापेमारी मानी गयी थी. इसके बाद छापेमारी का दौर चलता रहा. थानों में अपराधियों से अधिक पीने वाले और तस्कर गिरफ्तार होकर पहुंचने लगे. आपराधिक मुकदमों की तुलना में उत्पाद अधिनियम में अधिकांश मामले दर्ज होने लगे.
क्या थानों में सुरक्षित हैं पकड़ी गयी शराब
एक वर्ष में पुलिस एवं उत्पाद विभाग ने मिलकर लगभग 3460 छापेमारी की. जिसमें करोड़ों रुपये के विदेशी शराब बरामद हुए. जिसे थानों के मालखाना में बंद कर दिया गया. सबसे अधिक शराब मुफस्सिल थाना के मालखाने में हैं. बार-बार यह चर्चा भी जोर मारती रही है कि थानों के शराब गायब हो रहे हैं.
यहां तक कि मालखाना से शराब निकल कर सड़कों पर खूब बिकी. पुलिस वाले भी पकड़े गये शराब का खूब सेवन किया. अबतक की गयी छापेमारी में जब्त किये गये शराब की सूची लेकर मालखानों में बंद शराब से मिलान किया जाय तो एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में बोतलें गायब मिलेगी. अब जबकि यह बात बिहार में प्रचारित हो गयी है कि थानों में बंद शराब चूहे पी गये तो पुलिस वाले भी चूहों के नाम पर बेरा पार करने की जुगत में है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि सभी थानाध्यक्षों से बरामद शराब के बारे में प्रतिवेदन मांगा गया है. प्रतिवेदन में अगर बरामद शराब से कम दिखाया गया तो उसके कारणों की जांच होगी. अगर त्रुटि पायी गयी तो संबंधित थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. वैसे बरामद शराब को नष्ट करने के लिए जिलाधिकारी को लिखा गया है.
जिलाधिकारी को शराब नष्ट करने का निर्देश
मुंगेर : थानों के मालखानों में बंद शराब को चूहे पीने की बात जब सामने आयी तो एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने साफ कहा कि ऐसी रिपोर्ट किसी भी थाने से नहीं भेजी गयी है. उन्होंने कहा कि बिहार में उत्पाद अधिनियम को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी जा रही है. इस मामले में कोई भी लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने पटना में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को बरामद शराब को पूरी तरह से नष्ट करने के सख्त निर्देश दिए गये हैं.
अब तक की गयी छापेमारी की स्थिति (लगभग में )
कुल छापेमारी : 3460
कुल दर्ज कांड : 301
विदेशी शराब : 8169.973 लीटर
देशी शराब : 1370. 95 लीटर
महुआ शराब : 846 लीटर
बीयर : 107 लीटर
महुआ : 2832 किलो ग्राम
फुलाया हुआ महुआ : 1104 किलो ग्राम
कुल गिरफ्तारी : 513
शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार : 251
पुलिस एवं उत्पाद विभाग की संयुक्त कार्रवाई
बरामद विदेशी शराब : 414 लीटर
बरामद महुआ शराब : 1.3 लीटर
बरामद फुला महुआ : 9 किलो
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