अररिया : व्यवहार न्यायालय के पंचम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजीव कुमार द्वितीय ने 17 वर्ष पूर्व दाखिल मारपीट व छिनतई के एक मामले में तीन आरोपियों को डेढ़ वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. न्यायिक दंडाधिकारी ने यह सजा जीआर मुकदमा संख्या 863/2000 में सुनाया है.
श्री कुमार ने तीनों आरोपियों के विरुद्ध आर्थिक दंड के रूप में पांच हजार रुपये का भी जुर्माना लगाया है. इस राशि को समय पर जमा नहीं करने पर तीनों आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. बताया जाता है कि जिले के नया भरगामा के रहने वाले सहदेव मंडल, बासुदेव मंडल व कुलानंद मंडल तीनों पिता स्व किसुन लाल मंडल ने सूचक सुरेश कुमार मंडल की खेत पर जाकर उसे हल जोतने से मना किया. जब सूचक ने इसका विरोध किया तो तीनों ने मिल कर सूचक व उसकी पत्नी के साथ मारपीट किया तथा सूचक की पत्नी के गले से चेन छीन लिया.
कोर्ट ने जारी किया गैर जमानतीय वारंट : अररिया. स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश कुमार पांडेय ने दहेज उत्पीड़न के एक मामले में स्थानीय काली बाजार निवासी रमेश कुमार गुप्ता के पुत्र जितेंद्र कुमार गुप्ता के विरुद्ध वारंट जारी किया है. उल्लेखनीय है कि जितेंद्र की पहली पत्नी पूनम देवी ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर अपने सास, ससुर, ननद व पति के विरुद्ध परिवाद पत्र दाखिल किया था. जिस मुकदमे में पति को छोड़कर सभी की जमानत डीजे कोर्ट से हुई थी, वहीं जितेंद्र को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इस शर्त पर छह माह के लिए औपबंधिक जमानत दिया गया था
कि वह अपनी पहली पत्नी पूनम देवी को सम्मान पूर्वक रखे. लेकिन जितेंद्र ने छह माह के अंदर ही अपनी पहली पत्नी पूनम देवी व उसके दो मासूम पुत्रियों को मारपीट कर घर से भगा दिया. मारपीट व घर से बाहर निकालने की बात को लेकर पूनम देवी के द्वारा कोर्ट में आवेदन दाखिल किया. जिस आवेदन पर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश कुमार पांडेय ने विचार करते हुए वारंट जारी करने का आदेश दिया है.