Bihar News: बिहार में 5 साल से छिपे बांग्लादेशी की गिरफ्तारी, भारत में घुसने का तरीका जानकर हो जायेंगे हैरान

Bihar News: बिहार के अररिया नगर थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक की पहचान का मामला सामने आया है. यह घटना रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मरंगी टोला वार्ड संख्या 11 की है, जहां पिछले पांच वर्षों से एक बांग्लादेशी नागरिक गुपचुप तरीके से रह रहा था.

By Anshuman Parashar | October 5, 2024 7:57 PM

मृगेंद्र मनी सिंह, Bihar News: बिहार के अररिया नगर थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक की पहचान का मामला सामने आया है. यह घटना रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मरंगी टोला वार्ड संख्या 11 की है, जहां पिछले पांच वर्षों से एक बांग्लादेशी नागरिक गुपचुप तरीके से रह रहा था. स्थानीय पुलिस को इस संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जानकारी तब मिली जब वह नगर थाना में पासपोर्ट से संबंधित कार्य के लिए गया था.

पुलिस को इस बात की सूचना गांव के मुखिया ने दी

पुलिस को मुखिया पम्मी देवी द्वारा संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली. मुखिया ने जब उस व्यक्ति से आवश्यक दस्तावेज मांगे, तो उसकी पहचान को लेकर संदेह पैदा हुआ. मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार सिंह ने इस मामले में जांच शुरू की और स्थानीय निवासी मंजूर मियां के घर पर तहकीकात की. उन्हें पता चला कि संदिग्ध व्यक्ति नवाब के नाम से पिछले 5-6 वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहा था.

Voter ID से संदिग्ध का राज खुला

जब मुखिया प्रतिनिधि ने नवाब से उसके कागजात मांगे तो उसने वोटर आईडी में अपने पिता के बजाय पत्नी का नाम लिखा पाया. इससे मामला और संदिग्ध हो गया. नवाब ने कहा कि वह बंगलादेश के चापा नवाबगंज से आया था और यहां कटिहार में अपनी मौसी के घर रह रहा था. उसने यह भी बताया कि 1.5 साल पहले उसकी शादी हुई और उसकी एक 9 महीने की बच्ची भी है.

मात्र इतने राशि में नवाब भारत आया

पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जब उससे यह पूछा कि वह बंगलादेश से भारत कैसे आया, तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया. नवाब ने बताया कि 500 से 1000 रुपये की राशि देने पर उसे नदी पार करवा दिया गया था. जिससे भारत में प्रवेश करना आसान हो गया.

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पुलिस द्वारा इस मामले की जांच चल रही है

इस सूचना के आधार पर नगर थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और नवाब को गिरफ्तार कर लिया. ASP सह SDPO रामपुकार सिंह ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की. पुलिस और अन्य विभागों द्वारा गहन जांच की जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके. यह मामला प्रशासन की सतर्कता और स्थानीय लोगों की जिम्मेदारी को दर्शाता है.

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