जागरूक व्यक्ति पाता है जीवन का सही मुकाम: साध्वी स्वर्ण रेखा
आयंबिल अनुष्ठान का आयोजन
फोटो:-2- साध्वीश्री प्रवचन देतीं सावध्वी. प्रतिनिधि, फारबिसगंज तेरापंथ के ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री स्वर्ण रेखाश्री जी ठाणा 4 के सान्निध्य में आयंबिल अनुष्ठान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुभ शुरुआत सुबह 8:30 बजे उपसर्गहर स्त्तोत्र मंत्रोचार के 27 बार पाठ के साथ हुई. इस मौके पर साध्वी श्री ने सभी श्रावक श्राविकाओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि संकल्पों की सौगात तो हर कोई लेकर चलता है. लेकिन मंजिल तक वहीं पहुंचता है जो जागरूक होता है. प्रत्येक व्यक्ति सिद्धि की चाह रखता है सिद्धि की प्राप्ति बिना साधना संभव नहीं होती. संकल्प के माध्यम से साधना संभव है संकल्प मजबूत हो तो देवता भी झुक जाते हैं. इच्छा शक्ति ,एकाग्रता की शक्ति से संकल्प संपुष्ट बनता है. संकल्प पुष्ट होने पर मानव अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है. व्यक्ति जप और तप के द्वारा सिद्धि को प्राप्त कर सकता है.आयंबिल तप ऐसा तप है जिसमें व्यक्ति रुखा सुखा धान सिर्फ एक ही धान एक ही बार बैठकर अचित करके खाता है. इस तप में किसी प्रकार के दूध दही घी तेल मसाला वगैरह का प्रयोग भी नहीं किया जाता है. सूर्यास्त से सूर्योदय तक जल को ग्रहण भी नहीं करता है. साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार की प्रेरणा से इस आयंबिल अनुष्ठान में लगभग 92 लोगों ने भाग लिया. जिसमें ज्ञानशाला के छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे. सभा, महिला मंडल,युवक परिषद, कन्या मंडल सभी की सहभागिता इसमें रही. तत्पश्चात सामूहिक रूप से आयंबिल अनुष्ठान के तहत सभा के द्वारा सभी आयंबिल तपधारियों को बैठाकर उनकी रुचि के अनुसार खिलाया गया. साध्वी श्री ने इस अनुष्ठान में भाग लेने वालों सभी के प्रति मंगल कामना करते हुए कहा कि छोटे-छोटे तपों के द्वारा इसी तरह जीवन में आहार के प्रति आसक्ति को कम किया जा सकता है. ——————– अंतर जिला से जुड़ने वाली मुख्य सड़क पर जल जमाव फोटो-1- झील में तब्दील सड़क. प्रतिनिधि, भरगामा भरगामा पेट्रोल पंप से अंतर जिला पूर्णिया व मधेपुरा जाने वाली मुख्य सड़क से सफर करने वाले यात्रियों को इन दिनों परेशानियों से दो चार होना पड रहा है. जबकि इस मुख्य मार्ग के किनारे बसे दर्जनों गांव के लोगों की नियति बन गई है. बदहाल जिंदगी जीना. एक दशक पूर्व से हीं सतबेर घाट होते हुए बनमनखी व पूर्णिया से जोड़ने वाली सड़क जर्जर हाल में है. जबकि रविवार को हुई बारिश में मुख्य मार्ग जलाशय में तब्दील हो गया है. जहां आए दिन दुर्घटना होती है. मालूम हो कि सड़क से 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को 2 घंटे का समय लगता है. लगातार स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इस सड़क के बारे में आवाज उठाई जा रही है. लेकिन इसे सुनने वाला कोई भी प्रतिनिधि या जिला प्रशासन सुनने को तैयार नहीं. प्रशासन के उदासीन रवैया से परेशान ग्रामीण पलायन करने की सोच रहे है. भरगामा पेट्रोल पंप से परसाहाट, सतबेर घाट होते हुए बनमनखी जाने वाली सड़क झील में तब्दील हो गयी है. जबकि ग्रामीण एक दशक से जल-जमाव की समस्या से परेशान हैं. दर्जनों गांवों के लोग इस सड़क से सफर करते हैं. यह सड़क दर्जनों गांव को अंतर जिला से जोड़ने वाली पक्की सड़क है. जर्जर सड़क व जगह-जगह गढ्ढे से लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण ने जिला प्रशासन व स्थानीय विधायक का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए जल-जमाव की समस्या से निजात व जर्जर सडक को शीध्र निर्माण करवाने की मांग की है. ताकि आमजन को आवागमन में हो रही परेशानियों से निजात मिल सके.
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