जोकीहाट. मूसलाधार वर्षा के कारण प्रखंड क्षेत्र से बहने वाली कनकई, बकरा तथा परमान नदियों के जलस्तर में तेजी से बाढ़ का पानी एक दर्जन गांव में फैल गया है. बाढ़ के कारण करीब एक दर्जन गांव में पानी फैल गया है. बाढ़ के कारण धान की फसल डूब गयी है. बारा इस्तबरार पंचायत में कनकई नदी के कटान से सरपंच तबरेज आलम सहित एक दर्जन लोगों के घर कटान के मुंह पर है. बाराइस्तबरार पंचायत के मुखिया फारूक आलम ने कटान निरोधक कार्य कराने की मांग जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार व विधायक शाहनवाज आलम से की है. बाढ़ के कारण केसर्रा थाकी मजकुरी बांध में कनकई नदी के पानी का दबाव बढ़ गया है. बकरा नदी के जलस्तर में वृद्धि से तारण, काकन, बगडहरा, भगवानपुर, मटियारी, कुरसेल, डूबा, गैरकी मसुरिया, पछियारी पिपरा पंचायत में धान की फसल डूब गयी है. पशुपालकों को चारे की मुश्किल हो रहा है. आधा दर्जन गांव के लोगों के आवागमन के लिए संपर्क पथ पर पानी के बहाव से लोग परेशान हैं. धान की फसल डूबने से किसान चिंतित हैं. काकन, गिरदा, मटियारी, केसर्रा, हरदार आदि के किसानों ने बताया कि धान की खेती कर्ज लेकर की थी अब वह भी डूब गयी.
लगातार हो रही वर्षा के कारण प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी भाग हो कर बहने वाली नदी बकरा भी उफान पर है इसके साथ ही अन्य सहायक नदियों में भी उफान है. बकरा नदी के उफान में डैनिया के वार्ड आठ व कौआकोह के वार्ड एक पड़रिया में कटाव की स्थिति काफी चिंताजनक होती जा रही है. यह कटाव धीरे धीरे बसावट की ओर बढ़ रही है. नदी के किनारे किनारे लगे पेड़ पौधे कटकर नदी में गिर रहे हैं. लोग खुद से किसी तरह बांस बल्ली के सहारे कटाव रोकने का प्रयास कर रहे हैं. घाघी नदी का पानी बरदाहा से ढंगरी, ठेंगापूर, तीरा जाने वाली सड़क पर बने आरसीसी के ऊपर बह रही है. कॉलेज चौक ढंगरी सड़क पर भी पानी ऊपर से बह रहा हैं. खेतों में लगी खरीफ धान की फसल डुब कर बर्बाद हो रही है. खासकर धान की आगत किस्म घुटराज जो पककर कटने वाली थी. उसको काफी नुकसान पहुंचा है. वर्षा होने की यही रफ्तार रही तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
पलासी. लगातार हो रही बारिश व पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से पानी छोड़े जाने को लेकर प्रखंड के अंर्तगत बहनें वाली बकरा व रतवा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. बकरा नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि होने से निचले इलाके के दर्जनों गांव जरिया खाड़ी, भट्टा बाड़ी, धर्मगंज,सोहदी, बच्चा खाड़ी, आदि गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोगों ने अपने घर छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर चले गये हैं. वहीं मवेशी पालक किसानों को अपने मवेशी का पालन को लेकर लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. भट्टा बाड़ी गांव के बाढ़ से प्रभावित लोग रामानंद ऋषिदेव, नंदलाल ऋषिदेव, किशन लाल मांझी, विलेश मांझी, मनोसर मंडल, चमर लाल मांझी व विदेशी दास आदि के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
posted by ashish jha